नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन (e-commerce platform Amazon) पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दुनिया की ऐसा कौन सी कंपनी है, जो अपने वकीलों पर अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती है। लेकिन, अमेजन ने साल दर साल घाटे में रहने के बावजूद अपने कानूनी खर्चों पर राजस्व का 20 फीसदी से ज्यादा खर्च किया है। कैट ने अमेजन पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने मंगलवार को कहा कि अमेजन ने वर्ष 2019 और 2020 में करीब 40 हजार करोड़ रुपये के कारोबार में वकीलों पर लगभग 8500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि वकीलों के जरिए भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के एक व्हिसल ब्लोअर के आरोप की इस सनसीखेज आंकड़े से पुष्टि होती है, जिसको लेकर अमेजन ने एक इंटरनल इन्वेस्टिगेशन शुरू किया है।
खंडेलवाल ने कहा कि कैट ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को 20 सितम्बर को इस मामले में भेजे पत्र की श्रृखंला में एक और पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यह रिश्वतखोरी का बेहद संगीन मामला है। इसमें सरकारी अधिकारियों को भी रिश्वत दिया जाना शामिल है, जो की सीधे-सीधे देश की गरिमा से जुड़ा है। इस लिहाज से इस सनसनीखेज घोटाले की तत्काल सीबीआई जांच कराई जानी जरूरी है।
कैट ने पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि सरकार तुरंत इस मामले की जांच सीबीआई से कराए और कंपनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दे। गौरतलब है कि ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के खिलाफ अपने मार्केटप्लेस पर गलत तरीकों से दाम कम रखने और कुछ विक्रेताओं को तवज्जो देने के मामले में कॉम्पिटिशन कमीशन की जांच पहले से चल रही है। इसके अलावा उसने रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये की डील को लेकर फ्यूचर ग्रुप पर मुकदमा किया हुआ है।
उल्लेखनीय है कि दिग्गज अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी अमेजन के लिए भारत में काम करने वाले वकीलों के खिलाफ भ्रष्टाचार करने की जानकारी एक मीडिया वेबसाइट ने सार्वजनिक की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी ने अपने काम के लिए एक इंडिपेंडेंट वकील को हायर करके उसे जो लीगल फीस दी थी, उसका इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में किया गया था। (एजेंसी, हि.स.)
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