कोलकाता। कोलकाता उच्च न्यायालय के वकीलों के एक गुट ने मंगलवार को न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा के कुछ फैसलों पर सवाल उठाते हुए उनके समक्ष कार्यवाही में हिस्सा लेने से भी इनकार कर दिया। इससे एक दिन पहले सोमवार को वकीलों ने न्यायमूर्ति मंथा के कोर्टरूम के बाहर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था।
जस्टिस मंथा के खिलाफ हुए प्रदर्शन का मामला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव तक पहुंच गया है। एक सूत्र का कहना है कि चीफ जस्टिस ने इस घटना के फोटो और वीडियो सुरक्षित रखने का आदेश जारी किया है।
शुभेंदु अधिकारी पर दिए आदेश से जुड़ा है मामला
दरअसल, प्रदर्शन कर रहे वकील जस्टिस मंथा के कुछ आदेशों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसमें दिसंबर में भाजपा विधायक व विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से जुड़ा मामला भी शामिल है, जिसमें जस्टिस मंथा ने शुभेंदु अधिकारी को राज्य पुलिस से संरक्षण दिया था। साथ ही भाजपा नेता के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों पर भी रोक लगा दी थी।
बार एसोसिएशन ने पल्ला झाड़ा
कोलकाता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस प्रदर्शन से पल्ला झाड़ लिया है। अध्यक्ष अरुणाभ घोष ने कहा कि इस आंदोलन से एसोसिएशन का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा है कि हमने मुख्य न्यायाधीश को भी इस स्थिति से अवग त करदिया है। वहीं, दक्षिण कोलकाता के जोधपुर पार्क इलाके में जस्टिस मंथा के आवास के बाहर भी दीवारों पर भी इसी तरह के आरोपों के साथ पोस्टर चिपकाए गए हैं।
पहले भी एक जज के खिलाफ हुआ था प्रदर्शन
इससे पहले बीते साल अप्रैल में न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के कोर्ट रूम के बाहर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ था। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
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