जबलपुर। अधिवक्ताओं ने गंभीर लगाते हुये चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया कि राजस्व विभाग का जिले का ऐसा एक भी दफ्तर नहीं है, जहां दलाल सक्रिय न हों और यह भी कि राजस्व अफसरों ने भी कायदों को ताक पर रखकर भ्रष्टाचार को अपनी कार्यशैली बना लिया है। कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन ने सोमवार को एडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में तहसीलवार कथित दलालों और भ्रष्ट अधिकारियों,पटवारियों व बाबुओं का पूरा ब्यौरा नाम सहित दर्ज है।
ऑपरेटर चला रहे ऑफिस
ज्ञापन में आरोप है कि बात चाहे जबलपुर तहसीली कार्यालय की हो, अधारताल की या फिर बरेला की, सभी में निजी ऑपरेटर ही पूरा दफ्तर चला रहे हैं। आरोपित है कि यही ऑपरेटर फरियादियों से वसूली करते हैं और अफसरों तक रकम पहुंचाते हैं।
अधिवक्ताओं से दुव्र्यवहार
एसोसिएशन का आरोप है कि तहसीली कार्यालयों में अधिवक्ताओं के साथ दुव्र्यवहार किया जाता है। उन्हें केस की फाइल नहीं की जाती और वकील को दरकिनार कर सीधे फरियादी से संपर्क कर लिया जाता है। एसोसिशन के अध्यक्ष विवेक नायक एवं सचिव यशवंत दुबे ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिये बहुत मुश्किल हालात हैं।
कर्मचारी बोलें, सब झूठ है
इधर, कर्मचारियों ने कहा कि ये सब झूठ है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं की मनमानी को रोकने का नतीजा है ये ज्ञापन। अधिवक्ता तहसीली कार्यालयों में अनावश्यक दबाव बनाते हैं और काम में बाधा पहुंचाते हैं। कर्मचारियों ने कहा कि जांच की जाए और कार्रवाई भी हो।
जांच की जाएगी
एसोसिएशन के आरोप गंभीर हैं। एक अच्छी शासन व्यवस्था के लिये ये अच्छा नहीं है। अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में जो नाम दिए हैं, उनके आधार पर जांच होगी और कार्रवाई की जाएगी।
विमलेश सिंह, एडीएम
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