जबलपुर। नगर निगम अमले द्धारा वकील के साथ अभद्रता कर गैर जमानतीय धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कराये जाने के विरोध में आज शनिवार को हाईकोर्ट व जिला अधिवक्ता संघ के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने स्वयं को न्यायलयीन कार्य पृथक रहकर विरोध जताया। अधिवक्ताओं ने दोपहर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसपी को ज्ञापन सौंपकर गैर जमानतीय धाराओं के तहत दर्ज मामले में खात्मा लगाये जाने की मांग कर ननि अधिकारी व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि मढ़ाताल गुरुद्धारा के समीप स्थित एक जर्जर मकान को तोडऩे गये ननि के सहायक आयुक्त वेदप्रकाश चौधरी व अन्य कर्मियों के साथ वहां के वाशिंदों व कुछ वकीलों के बीच जमकर झड़प हुई थी। आरोप है कि सहायक आयुक्त व ननि अमले को लोगों ने झूमाझटकी व मारपीट करते हुए खदेड़ दिया था। मामले में दोनों पक्षों की ओर से ओमती थाने में शिकायत दर्ज करायी गई थी। जिसके बाद गत् दिवस शुक्रवार को ननि के अधिकारी व कर्मचारियों ने कामबंद हड़ताल कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे ओमती सीएसपी आरडी भारद्धाज ने प्रदर्शनकारियों को जानकारी दी थी कि चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, शेष की भी शीघ्र ही गिरफ्तारी की जायेगी। जिसके बाद कामबंद हड़ताल समाप्त कर कर्मी वापस काम पर लौटे थे।
वकीलों ने भी खोला मोर्चा
वहीं उक्त मामले में ननि अधिकारी की शिकायत पर अधिवक्ता शार्दुल सिंह चौहान के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज करने से नाराज अधिवक्ताओं ने भी मोर्चा खोल दिया। हाईकोर्ट बार एसोसियेशन व जिला अधिवक्ता संघ ने आज शनिवार को न्यायलयीन कार्य से विरत् रहकर प्रतिवाद दिवस मनाने का ऐलान कर दिया। जिससे कोई भी अधिवक्तागण शनिवार को अदालतों में पैरवी के लिये नहीं पहुंचा।
एसपी को सौंपा ज्ञापन
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक व सचिव राजेश तिवारी ने जानकारी ेेदेते हुए बताया कि पुलिस द्धारा अधिवक्ता पर गैर जमानती धाराओं पर दर्ज किये गये प्रकरण को लेकर एसपी को खात्मा लगाने के लिये ज्ञापन सौंपा जायेगा, इसके बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी।
हाईकोर्ट में मामलों की सुनवाई बढ़ी
वैसे तो शनिवार को हाईकोर्ट में मामलों की सुनवाई नहीं होती, लेकिन आज 25 सितंबर को पूर्व की एक अवकाश की पूर्ति करते हुए आज रेग्यूलर बेंच निर्धारित थी। जिनमें सैकड़ों मामले सुनवाई के लिये लगे थे, लेकिन वकीलों के विरोध स्वरूप अधिकांश मामलों की सुनवाई बढ़ गई। वहीं दूरदराज से आये पक्षकार भी परेशान होते नजर आये।
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