नई दिल्ली । 26/11 मुंबई आतंकी हमलों(26/11 Mumbai Terror Attacks) के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर हुसैन राणा (A Tahavvur Hussain Rana)ने दिल्ली(Delhi) की एक विशेष अदालत (Special Court)से मांग की है कि उसके केस में ऐसा कोई वकील न हो जो उसके जरिये नाम और शोहरत कमाने की कोशिश करे। गुरुवार रात लगभग 10 बजे राणा की औपचारिक गिरफ्तारी के बाद उन्हें एनआईए द्वारा पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया। जांच एजेंसी ने 20 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने 18 दिन की कस्टडी मंजूर की। इस दौरान राणा से एनआईए मुख्यालय में पूछताछ की जाएगी।
विशेष एनआईए जज चंदर जीत सिंह ने अपने आदेश में कहा, “आरोपी ने निवेदन किया है कि ऐसा कोई वकील न हो जो उसके केस के जरिये नाम और प्रसिद्धि हासिल करने की मंशा रखता हो। भले ही विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत कानूनी सेवा वकील नियुक्त किए गए हों, फिर भी आरोपी की मांग को स्वीकार किया जाता है।”
अदालत ने निर्देश दिया कि विधिक सेवा वकील मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे, चाहे वह प्रिंट, डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो। इसके अलावा, यदि वकीलों की जानकारी पहले से मीडिया को ज्ञात नहीं है तो वह साझा भी नहीं की जाएगी।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने तड़के 2:10 बजे जानकारी दी, “राणा को औपचारिक गिरफ्तारी के बाद विशेष अदालत में पेश किया गया। उसे 18 दिन की हिरासत में एनआईए मुख्यालय में रखा जाएगा, जहां एजेंसी 2008 के भयानक आतंकी हमलों की साजिश को उजागर करने के लिए उससे गहन पूछताछ करेगी। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।”
अदालत के आदेश में यह भी कहा गया कि राणा को अपने वकील को निर्देश देने के लिए सॉफ्ट-टिप पेन और कागज दिया जाएगा, ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके और कानूनी कार्यवाही में सहूलियत बनी रहे।
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