रायपुर: छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. रायपुर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गैंग अमन साहू गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. मलेशिया से मिले निर्देश पर ये गैंग छत्तीसगढ़ के दो बड़े कारोबारियों को शूट करना वाला था. पुलिस ने 72 घंटे के गोपनीय अभियान में इन आरोपियों को दबोचा. बता दें कि इस गैंग के तार लॉरेंस बिश्नोई गैंग और पीएलएफआई से भी जुड़े हैं.
इस पूरे मामले की बात करें तो रायपुर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये सदस्य अमन साहू गैंग के हैं. यह गैंग लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अलावा प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई से भी जुड़ा हुआ है. रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने इसका खुलासा किया है. यह गैंग सोमवार को छत्तीसगढ़ में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहा था. पुलिस के मुताबिक वे राज्य के दो बड़े कारोबारियों को शूट करने वाले थे.
रायपुर में दो अलग-अलग जगहों से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य शूटर पप्पू सिंह को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है. आईजी अमरेश मिश्रा ने यह भी बताया कि उन्हें मलेशिया से टास्क दिया गया था. मलेशिया का जो शख्स टास्क दे रहा था. उसका कोड नेम मयंक सिंह है. मयंक सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गिरोह समेत कई गैंग्स से जुड़ा है.
मलेशिया से जयपुर के पप्पू सिंह को टास्क दिया गया. पप्पू ने दूसरे शूटरों को हायर किया था. पप्पू के कहने पर ही 3 शूटरों को रायपुर भेजा गया था. इसमें झारखंड से रोहित स्वर्णकार, राजस्थान से मुकेश कुमार और देवेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है. आईजी ने खुलासा किया कि इस गैंग के खिलाफ एनआईए में भी केस चल रहा है. प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई से संबंध जुड़े होने के चलते आईजी ने बताया कि इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के बाद 72 घंटे तक सीक्रेट ऑपरेशन चलाकर इन आरोपियों को पकड़ा गया. ये गैंग आर्मी और बीएसएफ जैसे शब्दों को कोड वर्ड के तौर पर इस्तेमाल करते थे. इस गैंग के शूटर जब काम पूरा करते थे तो जय माता दी कहते थे और पकड़े जाने पर राम-राम कहते थे.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved