• img-fluid

    सभी धर्मों से ऊपर है यह कानून; चाइल्ड मैरिज एक्ट पर केरल HC ने कही बड़ी बात

  • July 28, 2024

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। केरल हाइकोर्ट (Kerala High Court)ने एक महत्वपूर्ण मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बाल विवाह विरोधी नियम 2006(Anti-Child Marriage Act 2006), बिना किसी धार्मिक भेदभाव(any religious discrimination) के समान रूप से सभी भारतीयों के ऊपर लागू है। जस्टिस पी वी कुन्निकृष्णणन ने यह भी साफ किया कि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के भी ऊपर है, जिसमें बच्चों की शादी को मान्यता दे दी जाती है। जस्टिस ने कहा कि नागरिकता पहले है और धर्म बाद में, इसलिए यह कानून हर भारतीय पर बिना किसी भेदभाव के लागू होगा।


    बेंच ने हाल ही में पलक्कड़ में एक बाल विवाह के मामले में आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए यह निर्देश जारी किया। माननीय न्यायालय ने आरोपी पिता और कथित पति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके विरोध दायर किया गया केस रद्द कर दिया जाए। कोर्ट का यह फैसला एक ऐसे समय में आया है जबकि भाजपा शासित असम में कई अल्पसंख्यक लोग बाल विवाह करवाते पकड़े गए हैं।

    मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दुहाई देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कोई भी मुस्लिम लड़की अगर प्यूबर्टी तक पहुंच जाती है तो पर्सनल लॉ बोर्ड के हिसाब से वह शादी के लिए तैयार है और केंद्र उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। याचिका कर्ताओं ने कहा कि यह बाल विवाह विरोधी कानून उनके पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ है और उनके अधिकारों का हनन कर रहा है।

    हालांकि हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि यह कानून किसी पर्सनल लॉ बोर्ड या किसी भी धर्म से भी ऊपर है। पूरे भारत में और भारत के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों को भी यह नियम मानना ही होगा , इसमें किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।, इसमें किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

    जस्टिस कृष्णणन ने कहा कि बाल विवाह रोकना हमारे आधुनिक समाज का हिस्सा है। आज के दौर में यह कहीं से भी जायज नहीं है कि एक बच्चे कि शादी कर दी जाए। यह उस बच्चे के मानवीयअधिकारों का उल्लंघन है। बच्चों को पढ़ने दिया जाए, घूमने दिया जाए,अपनी जिंदगी को जीने दिया जाए और फिर जब वह उस उम्र में आ जाए तो उन्हें खुद से यह फैसला लेने दिया जाए कि वह किससे शादी करते हैं।

    Share:

    सदस्यता बहाल को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे लोबिन हेंब्रम, बोले- झारखंड में लोकतंत्र की हत्या हुई

    Sun Jul 28 , 2024
    रांची (Ranchi) । झारखंड (Jharkhand) के बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम (Lobin Hembram) ने विधानसभा की सदस्यता खत्म किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने हाईकोर्ट से जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए मानसून सत्र तक सदस्यता बहाल करने की अपील की है। यह जानकारी लोबिन […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved