मुंबई (Mumbai) । महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में जारी हलचल अभी थमी नहीं है. सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 12:00 बजे उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बंगले वर्षा पर आए और करीब डेढ़ घंटे बाद 1:30 निकले. वहीं दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) रात करीब 11:15 मुख्यमंत्री के आवास वर्षा पर पहुंचे थे और अजित पवार के जाने के आधे घंटे बाद रात 2 बजे निकले.
देर रात सीएम और दोनों डिप्टी सीएम में हुई मीटिंग
खबर है कि राज्य के सीएम और दोनों डिप्टी सीएम विभाग बंटवारे को सुलझाने में तेजी दिखा रहे हैं और दिन-रात एक किए हुए हैं. यही वजह है कि सीएम आवास की दीवारों के बीच एक सीक्रेट मीटिंग हुई. पहली बार सीएम और दोनों डिप्टी सीएम इस तरह की मीटिंग में साथ थे. देर रात क्या बात हुई, अभी साफ नहीं है, लेकिन कयास हैं कि विभाग वितरण और मंत्रिमंडल विस्तार पर ही चर्चा हुई है.
बता दें कि, महाराष्ट्र में चल रहे सियासी हलचल के बीच सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात मुख्यमंत्री आवास पर दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार पहुंचे. अजित पवार के उप मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री एक साथ बैठकर मीटिंग की. कयास लगाया जा रहा है कि इस मीटिंग में मंत्रिमंडल के विस्तार और विभाग के बंटवारे को लेकर चर्चा की गई है, हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नही दी गई है.
रात 12 बजे ‘वर्षा’ पहुंचे अजित पवार
रात करीब 12:00 बजे उपमुख्यमंत्री अजित पवार सीएम एकनाथ शिंदे के बंगले वर्षा पर आए और करीब डेढ़ घंटे बाद 1:30 निकले. वहीं दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस रात करीब 11:15 मुख्यमंत्री के आवास वर्षा पर पहुंचे थे और अजित पवार के जाने के आधे घंटे बाद रात 2 बजे निकले. वह ढाई घंटे सीएम बंगले पर रहे. हालांकि इस बैठक में किन बातों पे चर्चा हुई इस बारे में न तो अजित पवार ने कोई बात की और न ही देवेंद्र फडणवीस ने कुछ कहा. बता दें पिछले तीन-चार दिनों से लगातार यह बातें सामने आ रही थीं कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री एक साथ बैठकर मीटिंग करने वाले हैं, इससे पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन अजित पवार इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे. बीती रात अजित पवार भी इस मीटिंग में पहली बार शामिल हुए थे.
शपथ लिए हुए 8 दिन, अब तक नहीं बंटे विभाग
अजित पवार और अन्य 8 एनसीपी विधायकों को मंत्री पद की शपथ लिए हुए 8 दिन हो गए हैं. लेकिन विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है. इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं. कहा जा रहा है कि वित्त और सहकारिता मंत्रालय को लेकर एनसीपी व शिंदे गुट के बीच खींचतान चल रही है, जिसके चलते विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है. अजित पवार वित्त और सहकारिता मंत्रालय एनसीपी के पास रखने को लेकर आक्रामक हैं. वहीं सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट इससे खुश नहीं है.
जल्द होगा विभागों का आवंटन
हाल ही में पोर्टफोलियो आवंटन को लेकर अजित पवार की देवेन्द्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ कुछ बैठकें हुई हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. जब यह सवाल नवनियुक्त मंत्री छगन भुजबल से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘विभाग आवंटन के बारे में चिंता न करें, यह जल्द ही होगा. हम इस बारे में चर्चा कर रहे हैं और इसमें कोई समस्या नहीं है’. हालांकि वह मंत्रालयों के आवंटन में हो रही देरी के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सके.
क्या है अजित पवार गुट की मांग?
अजित पवार गुट वित्त के साथ ही सहकारिता मंत्रालय चाह रहा है. यह एनसीपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. दर्जन भर से अधिक एनसीपी नेता सहकारी या निजी चीनी कारखाने चला रहे हैं. साथ ही उनका सहकारी बैंकों पर भी नियंत्रण है. उन्हें दोनों क्षेत्रों में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अगर उनके पास सहकारी मंत्रालय होगा तो उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा.
उधर, पोर्टफोलियो आवंटन में देरी के कारण मंत्रालय में कार्यालयों और अन्य चीजों का भी आवंटन नहीं हो पा रहा है. फिलहाल सभी मंत्रियों ने अपना-अपना कामकाज संभाल लिया है. वे अभी भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं.
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