रनवे के टर्नपेड को चौड़ा करने के लिए रात 11 से सुबह 6 बजे तक किया जा रहा है काम, लेकिन रात की उड़ानों के लेट होने के कारण रोजाना काम हो रहा प्रभावित
रात की उड़ानों के लेट होने के कारण पिछली40 रातों में से छह रात रनवे पर काम ही नहीं हो पाया, बाकी समय भी प्रभावित हो रहा काम, परेशान विमानतल प्रबंधन ने एयर लाइंस को लिखा पत्र
इंदौर। इंदौर (Indore) के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल (Devi Ahilyabai Holkar International Airport) के रनवे पर बड़े विमान (Aircraft) भी आसानी से उतरकर टर्न ले सकें, इसके लिए रनवे के आखिरी छोर पर टर्नपेड (Turnpad) को चौड़ा करने का काम किया जा रहा है, लेकिन रात को लगातार लेट हो रहीं उड़ानों के कारण ये काम रोजाना प्रभावित हो रहा है। पिछले 40 दिनों में छह दिन तो उड़ानों के लेट होने के कारण काम ही नहीं हो सका। इस काम को पूरा करने के लिए एयरपोर्ट को ढाई माह का समय मिला है, जिसमें से आधे से ज्यादा समय निकल चुका है। इसे देखते हुए समय पर काम पूरा होता नजर नहीं आ रहा है, जिससे परेशान विमानतल प्रबंधन (Airport Management) ने एयर लाइंस को पत्र लिखकर रात की उड़ानों को समय पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में कुछ समय पहले राष्ट्रपति (President) और प्रधानमंत्री (Prime Minister) के लिए दो नए बोइंग-777 (Boeing-777) विमान खरीदे गए हैं। सामान्य से दोगुनी साइज के ये विमान बड़े होने के कारण छोटे एयरपोर्ट पर नहीं उतर पा रहे हैं। इंदौर में भी इन विमानों को उतारे जाने को लेकर सर्वे किया गया था, जिसमें रनवे की लंबाई तो सही पाई गई, लेकिन लैंड होने के बाद रनवे के आखिरी छोर तक जाकर यू-टर्न लेकर वापस के लिए यहां बने टर्नपेड की चौड़ाई इन विमानों के लिहाज से कम बताई गई थी। इस पर एयरपोर्ट अथोरिटी द्वारा इसे चौड़ा करने के लिए टेंडर जारी किया गया था, क्योंकि काम रनवे पर ही होना था, इसलिए काम के दौरान उड़ानों का संचालन संभव नहीं था। यह देखते हुए विमानतल प्रबंधन ने काम को रात में करने की योजना बनाई और इसके लिए चार माह रात को 10 से सुबह 6 बजे के बीच उड़ानों का संचालन बंद रखे जाने की मांग की। इस पर अथोरिटी ने इसके लिए ढाई माह का समय दिया और एयर लाइंस की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रात 11 से सुबह 6 बजे तक उड़ानों के संचालन पर रोक लगाने के आदेश दिए। इसके बाद 27 मार्च की रात से यहां काम शुरू किया गया। तब से अब तक 40 दिन बीत चुके हैं, लेकिन रात की आखिरी उड़ानें लगातार लेट आ और जा रही हैं। इसके कारण चाहकर भी काम समय पर शुरू नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि छह रातें ऐसी भी रही हैं, जब उड़ानों के काफी लेट हो जाने पर काम शुरू ही नहीं किया जा सका।
रात को सारा सेटअप तैयार करने के बाद सुबह से पहले हटाना जरूरी
अधिकारियों ने बताया कि उड़ानों का संचालन बाधित ना हो, इसके लिए रात को उड़ानों का संचालन बंद होने के बाद मशीनरी और कंट्रक्शन मटेरियल यहां लाया जाता है, वहीं सुबह क्योंकि 6 बजे से उड़ानों का संचालन शुरू हो जाता है, इससे पहले ही इसे यहां से हटाना होता है। सारा सेटअप क्लियर करने के लिए काम 5 बजे के पहले ही बंद करते हुए इसे शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया जाता है। इस तरह रोजाना काम के लिए कुछ ही घंटे मिल पा रहे हैं।
रात को 10 से 11 के बीच छह उड़ानें, एक उड़ान भी लेट होने पर काम प्रभावित
पहले अधिकारियों ने रोजाना रात 10 बजे से उड़ानों का संचालन बंद किए जाने की मांग की थी, लेकिन रात 10 से 11 बजे के बीच इंडिगो एयर लाइंस की छह उड़ानों का संचालन होता है। कंपनी की मांग पर और यात्रियों की सुविधा को देखते हुए उड़ानों का संचालन 11 बजे बंद किए जाने का फैसला लिया गया। अब रात 10 से 11 के बीच की छह उड़ानें, जिसमें रात 10 बजे जबलपुर, 10.20 बजे दिल्ली, 10.25 बजे जयपुर, 10.45 मुंबई और 10.55 बजे बैंगलुरु से उड़ान आती है, वहीं 10.50 बजे एक फ्लाइट दिल्ली जाती है। इनमें से एक भी फ्लाइट के लेट होने पर काम प्रभावित हो रहा है।
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