मुंबई (Mumbai)। लोकप्रिय संगीतकार लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अगर आज हमारे बीच होतीं तो अपना 94वां जन्मदिन मना रही होतीं, लेकिन, वक्त ने हमसे स्वर कोकिला को छीन लिया। ‘भारत रत्न’ लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने दुनिया को 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीत गाए हैं।
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अगर आज हमारे बीच होतीं तो अपना 94वां जन्मदिन मना रही होतीं। लेकिन, वक्त ने इस वर्ष फरवरी में स्वर कोकिला को हमसे छीन लिया। भले ही सशरीर लता दीदी आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी सुरीली आवाज आज भी हमारे मन को तर करती है। उनके गाए गीतों के सहारे प्रशंसक हर पल उन्हें अपने करीब महसूस करते हैं। दिवंगत लता दीदी की आवाज ही उनकी पहचान बन गई और यह बनी रहेगी। सुरीला कंठ उन्हें कुदरती रूप से उपहार में मिला था। लेकिन, हैरानी की बात है कि जिन लता जी की गायिकी की दुनिया दीवानी है, वह अपने पिता के सामने गाना नहीं गा पाती थीं।
बता दें कि लता मंगेशकर के ऊपर बहुत कम उम्र में ही परिवार की जिम्मेदारियां आ गई थीं। दरअसल, लता जी जब सिर्फ 13 वर्ष की थीं, तभी उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। इसके बाद उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी।
लता मंगेशकर ने सिर्फ 13 साल की उम्र में ही फिल्म ‘पहिली मंगलागौर’ से डेब्यू किया था। लता मंगेशकर की पहली कमाई 25 रुपए थी। उन्होंने 1942 में मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए गाना गाया था। 18 साल की उम्र में मास्टर गुलाम हैदर ने फिल्म ‘मजबूर’ के गीत ‘अंग्रेजी छोरा चला गया’ में लता जी को मुकेश के साथ गाने का मौका दिया। अपनी गायिकी के लिए लता मंगेशकर ने कई विश्व रिकॉर्ड बनाए। लेकिन, वह पिता के सामने गाना गाते वक्त हमेशा डरा करती थीं। एक बातचीत के दौरान खुद लता जी न इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, ‘पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं होती।’ लता जी के पिता दीनानाथ मंगेशकर को लंबे समय तक मालूम ही नहीं था कि उनकी बेटी गा सकती हैं। पिता जी को जब बेटी के हुनर का पता चला और जब वह लता जी से गाना गाने को कहते तो वह अक्सर झिझककर किचन में मां के पास भाग जाया करतीं।
लता मंगेशकर के सिंगिंग के हुनर से तो दुनिया वाकिफ रही। लेकिन, इसके अलावा लता दीदी को कुकिंग का भी काफी शौक था। रिपोर्ट्स के मुताबिक लता मंगेशकर को मेहमान नवाजी का काफी शौक था। उनके हाथों का बना चिकन जिसने खाया, वह उसे भुला नहीं पाया। चिकन के अलावा स्वर कोकिला सूजी का हलवा भी बहुत अच्छा बनाती थीं। लता मंगेशकर को सी फूड भी काफी पसंद था। खासकर गोवा की फिश और समुद्री झींगे उनकी पसंदीदा डिश थी। बता दें कि इस वर्ष 6 फरवरी 2022 को लता मंगेशकर इस दुनिया को अलविदा कह गईं। लेकिन, उनके गाने हमेशा उनकी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
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