नई दिल्ली । कांग्रेस की महाराष्ट्र(Maharashtra Congress) इकाई के नेता और पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार(Former minister Vijay Wadettiwar) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मंगेशकर परिवार(Mangeshkar Family) ‘लुटेरों का गिरोह’ है, जिसने कभी समाज का कोई भला नहीं किया। खबर है कि उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य दलों ने आपत्ति दर्ज की है।
वडेट्टीवार की यह टिप्पणी पुणे में एक गर्भवती महिला की मौत से उपजे विवाद के बाद आई है, जिसे शहर के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमित गोरखे के निजी सचिव की पत्नी तनीषा भिसे को कथित तौर पर 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि जमा न कर पाने पर दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया था। इसके बाद तनीषा को एक अन्य अस्पताल ले जाया गया था, जहां जुड़वां बच्चियों को जन्म देने के बाद उसकी मौत हो गई थी।
वडेट्टीवार ने कहा, ‘मंगेशकर परिवार मानवता पर कलंक है। वह लुटेरों का गिरोह है। क्या आपने कभी सुना है कि उन्होंने समाज की भलाई के लिए दान दिया हो? सिर्फ इसलिए कि वे अच्छा गाते हैं, उनकी सराहना की जाती है। जिस व्यक्ति ने अस्पताल के लिए जमीन दान की, उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया। फायदे के लिए धर्मार्थ अस्पताल शुरू करने और गरीबों को लूटने का काम बंद होना चाहिए।’
पुणे के एरंडवाने क्षेत्र में छह एकड़ में बने 800 बिस्तर वाले दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के लिए जमीन खिलारे पाटिल परिवार ने दान की थी। 2001 में स्थापित इस अस्पताल का नाम मराठी गायक और अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर के नाम पर रखा गया, जो महान गायिका और ‘भारत रत्न’ से अलंकृत लता मंगेशकर के पिता थे।
महाराष्ट्र सरकार ने तनीषा की मौत से जुड़े मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी, जिसने अस्पताल पर उन मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जो धर्मार्थ अस्पतालों को आपातकालीन मामलों में अग्रिम भुगतान मांगने से रोकते हैं।
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