इंदौर। लापता होने के बाद कल पकड़ाया तेंदुआ के बच्चे (panther baby) के मामले में उसके जेंडर को लेकर फिर कई सवाल खड़े हो गए है । नेपानगर बुरहानपुर (Nepanagar Burhanpur) के जंगल से इंदौर लाने के पहले डाक्टर ने तेंदुए के बच्चे की फिटनेस मेडिकल रिपोर्ट (fitness medical report) में उसका जेंडर फिमेल लिखा है , मगर कल जिसे रेस्क्यू किया गया जब उसकी मेडिकल जांच की गई तो उसका जेंडर मेल निकला।
इस मामले में जब इंदौर (Indore) के वन संरक्षक नरेंद्र पांडवा (Patron Narendra Pandava) से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में सफाई देते हुए कहा , कि बुरहानपुर में वेटनरी डाक्टर डॉक्टर डॉ. नीलम (Veterinary Doctor Dr. Neelam) मोरे-वेटेरनरी इंचार्ज है।
उन्होंने तेंदुए के बच्चे का रेस्क्यू करने वाली टीम से उसका जेंडर पूछा तो उन्होंने फीमेल बताया तो उन्होंने फीमेल लिख दिया । जब पांडवा से पूछा गया कि बुरहानपुर के रेस्क्युटीम ने जेंडर गलत क्यो बताया उन्होंने कहा कि दरअसल 8 माह के बच्चे के बॉडी पार्ट इतने विकसित नही होते है कि उसको देख कर पता लगाया जा सके कि उसका जेंडर मेल है कि फीमेल। इसलिए बुरहानपुर के कर्मचारियों ने जो बोला वह फीमेल वेटनरी डाक्टर ने लिख दिया। इसके अलावा रात का वक्त था घायल होने के बाद छेड़छाड़ करने पर वाइल्ड एनिमल उत्तेजित उग्र हो जाते है इसलिए बॉडी पार्ट चेक करना आसान नही होता। इस वजह से जो वन कर्मचारियों ने वेटेनरी महिला डॉक्टर को बोला उन्होंने वैसा लिख दिया।
इस मामले में मुख्य वन सरंक्षक एच एस मोहंते से बात की गई तो उन्होंने कहा इस मामले में हम जांच करवा रहे है कि मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनाने के पहले वन कर्मचारियों नेउसकी सूक्ष्म तरीके से जांच क्यो नही की । कुल मिला कर वन विभाग का कहना यही है कल जिसे रेस्क्यू किया गया वह वही तेंदुए का बच्चा है जिसे नेपानगर बुरहान से लाया गया था बाद में वह गुरुवार को कमलावन्य प्राणि संग्रहालय से गायब हो गया था। जेंडर चेंज का जो मामला उठ रहा है वह वन कर्मचारियों की लापरवाही का परिणाम है, इस मामले में भोपाल के वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयो से हमने जांच करवाने की बात कही है, कि जेंडर चेंज के मामले में हर बिंदु पर जांच की जाए ।
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