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    ‘आखिरी दो दिन और 2 किरदार…’, जिनकी वजह से कांग्रेस को हरियाणा में मिली हार

  • October 11, 2024

    नई दिल्ली: हरियाणा (Haryana) में हार कांग्रेस (Congress) को लगातार साल रही है. पार्टी हार से सदमे में है. आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चल रहा है. पार्टी आलाकमान हार के कारणों को जानने के लिए समीक्षा बैठक कर रही है. चुनाव परिणाम वाले दिन कांग्रेस की महासचिव कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने पार्टी की हार को निराशाजनक करार दिया. साथ ही हुड्डा का नाम लिए बगैर कहा कि जैसे अभी चल रहा है, वो नहीं चलेगा. पार्टी नेतृत्व को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए, जो इस हार के लिए जिम्मेदार हैं.

    अब कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने भी पार्टी की हार के लिए 2 लोगों को जिम्मेदार भी ठहराया. उनका कहना है कि कांग्रेस की हार के लिए 2 लोग जिम्मेदार हैं और अंतिम 2 दिनों में चुनाव पूरी तरह से पलट गया. उन्होंने पार्टी में संवादहीनता पैदा करने के लिए “हुड्डा कांग्रेस” पर निशाना साधा, उनका दावा है कि संवादहीनता की वजह से कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

    असंध विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी नेता योगिंदर सिंह राणा से हारने वाले शमशेर सिंह गोगी ने अप्रत्यक्ष रूप से पिता और बेटे भूपिंदर सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा की आलोचना करते हुए कहा कि हार की जिम्मेदारी “बापू-बेटे” पर है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा का स्पष्ट संदर्भ देते हुए गोगी ने दावा किया कि राज्य नेतृत्व राहुल गांधी के असंध के सीधे दौरे से खुश नहीं था.


    पार्टी की हार पर पूर्व विधायक गोगी ने कहा, “कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन पिछले दो दिनों में ध्रुवीकरण हो गया… राहुल गांधी के असंध दौरे से राज्य का पार्टी नेतृत्व खुश नहीं था. (भूपिंदर सिंह) हुड्डा ने तो मंच से मेरा नाम तक नहीं लिया… कांग्रेस चुनाव नहीं हारी, बल्कि ‘हुड्डा कांग्रेस’ चुनाव लड़ रही थी और वे हार गए.”

    गोगी ने आगे कहा, “उन्होंने किसी को विश्वास में ही नहीं लिया. उन्होंने पार्टी के अंदर संवादहीनता की स्थिति पैदा कर दी… अगर चुनाव सही तरीके से लड़ा गया होता, लोग इस बार कांग्रेस की सरकार चाहते थे… यहां (हार की) जिम्मेदारी ‘बापू-बेटे’ की है.” असंध के पूर्व विधायक गोगी इस सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन वे बीजेपी के प्रत्याशी राणा के हाथों 2306 वोटों के अंतर से हार गए.

    इस बीच हरियाणा में हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर कल गुरुवार को समीक्षा बैठक बुलाई गई, जिसमें चुनाव में अप्रत्याशित हार के कारणों का पता करने के लिए जल्द ही एक फैक्ट फाइडिंग टीम का गठन करने का फैसला लिया गया. सूत्रों ने बताया कि खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में यह फैसला लिया गया.

    हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी नेता भूपिंदर हुड्डा ने कहा था कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला आखिरकार हाईकमान पर ही निर्भर करेगा. तब उन्होंने कहा था, “पार्टी के अंदर कोई अंदरूनी कलह नहीं है, कांग्रेस के अपने नियम हैं, पार्टी निर्वाचित प्रतिनिधियों को देखेगी और फिर आलाकमान फैसला लेगा.”

    सिरसा से लोकसभा सदस्य सैलजा ने हार के बाद कहा था, “नतीजे बेहद निराशाजनक हैं. हमारे कार्यकर्ता बहुत निराश हैं. उन्होंने पार्टी के लिए खून-पसीना बहाया था. अब नए सिरे से आगे सोचना होगा, क्योंकि जो अभी चल रहा है, वो तो अब नहीं चलेगा.”

    हरियाणा में 48 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की यह सबसे बड़ी जीत है. कांग्रेस को 37 सीटें जीत मिली जबकि इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के खाते में दो सीटें गईं और 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी यहां से जीत हासिल की.

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