इंदौर, संजीव मालवीय। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जिस श्री महाकाल लोक का शुभारंभ करने आ रहे हैं, उसमें अब फाइनल टच चल रहा है। हालांकि बारिश मुश्किलें पैदा कर रही हैं, लेकिन डेड लाइन नजदीक आने के बाद तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी साल काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर की सौगात भी मिली थी, लेकिन कहा जा रहा है, उससे कहीं अधिक सुंदर महाकाल लोक की परिकल्पना है।
दो चरणों में बनाए जा रहे महाकाल लोक के प्रथम चरण में 356 करोड़ रुपए का काम हो चुका है। कुल 855 करोड़ रुपए के काम किए जाना है, जिसमें अब दूसरे चरण में ये काम किए जाएंगे। उज्जैन ही एकमात्र ऐसा शहर है, जिसे देश के 12 शहरों में सीआईटीआईआईएस प्रोग्राम के तहत फें्रच विकास एजेंसी ने फंडिंग के लिए चुना है। महाकाल लोक का काम देख रहे स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष पाठक ने बताया कि महाकाल लोक के निर्माण में कई पहलुओं का ध्यान रखा गया है, जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रण, सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन, डि-सेन्ट्रलाइज्ड पार्किंग के साथ-साथ कई बातों का ध्यान रखा गया है। इसके अलावा धार्मिक महत्व में यहां दीवारों और पूरे लोक में शिव विवाह, त्रिपुरासुर वध, शिव पुराण और शिव आनंद तांडव स्वरूप की विभिन्न कहानियों को दर्शाया गया है। कहा जा रहा है कि यह स्मार्ट सिटी के तहत देश की सबसे बड़ी विकास परियोजना है।
हर किसी ने कहा-अद्भुत
महाकाल की परिकल्पना जिस तरह से की गई है, उसे देखकर हर किसी के मुंह से एक ही शब्द निकलता है अद्भुत। चूंकि अभी तक शिवमहापुराण में शंकर भगवान के विभिन्न स्वरूपों का चित्रण ही पढ़ा गया है और कई जगह उनकी प्रतिमा में उसे दर्शाया भी गया है, लेकिन सभी स्वरूप एक स्थान पर दिखाना वास्तव में एक बड़ा काम है।
सिंहस्थ की तैयारी
यहां आयोजित होने वाले सिंहस्थ मेले के हिसाब से भी तैयारी की गई है, जब एकसाथ श्रद्धालु यहां शाही स्नान वाले दिन बाबा के दर्शन करने मंदिर परिसर में पहुंचते हैं। अंदर भीड़ होने पर मंदिर परिसर के बाहर ही उन्हें रोका जा सकेगा और इस लोक में वे घूमकर आएंगे, तब तक भीड़ नियंत्रण भी हो जाएगा।
उज्जैन में कम से कम दो दिन
उज्जैन जिला प्रशासन ने एक नई टैग लाइन दी है, जिसमें लिखा है ‘उज्जैन में कम से कम दो दिन’ यानि अब आप उज्जैन आएंगे तो यहां महाकाल लोक एवं दर्शन के साथ-साथ पूरे शहर में घूमने के लिए आपको दो दिन का वक्त निकालना होगा।
इंदौर-उज्जैन में बढ़ेगा पर्यटन
श्रद्धालु इंदौर होकर ही औंकारेश्वर भी जाते हैं, इसलिए निश्चित ही यहां का पर्यटन व्यवसाय भी बढ़ेगा। अधिकारियों ने का कहना है कि एक व्यक्ति औसत 200 रुपए भी खर्च करता है तो यहां चार सौ करोड़ की आय हो सकेगी। महाकाल लोक के निर्माण में कई पहलुओं को ध्यान रखा गया है।
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