नई दिल्ली (New Delhi)। संसद के बजट सत्र (Parliament budget session) का दूसरा चरण (Second step) हंगामे का इतिहास बनाने की दहलीज पर है। दोनों सदनों में राहुल बनाम अदाणी मामले (Rahul Vs Adani case) में सरकार और विपक्ष के बीच जारी जंग के कारण बुधवार को भी कार्यवाही चंद मिनट ही चल पाई। गुरुवार बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही का आखिरी दिन है। वहीं अब गुरुवार को कई विपक्षी दलों के सांसद संसद से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ (Tiranga March’ Parliament to Vijay Chowk) निकालेंगे और मीडिया के सामने अपनी बात रखेंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार के रवैये के कारण सत्र कथित रूप से धुल गया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge ) ने कहा कि यह तय किया गया है कि संसद से विजय चौक तक तिरंगा मार्च निकाला जाएगा, जहां विपक्षी सांसद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और बजट सत्र के दौरान जो कुछ हुआ उसे लोगों के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने भविष्य में भी समन्वय और सहयोग करने का फैसला किया है।
कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने कहा कि दोनों सदनों के गुरुवार को निर्धारित समय के अनुसार स्थगित होने के बाद ‘तिरंगा मार्च’ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट सत्र का पूरा दूसरा भाग केवल सरकार के रवैये के कारण धुल गया। पहली बार सत्ता पक्ष ने कार्यवाही ठप कर दी और बाद में उन्होंने अदाणी मुद्दे पर चर्चा करने से इनकार कर दिया और यह भी नहीं सुना कि विपक्ष क्यों मांग कर रहा है…
पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस में इन सभी मुद्दों को लोगों के सामने रखा जाएगा। कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को संसद में राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे के कक्ष में बैठक कर बैठक की। बैठक में कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), टीएमसी, आप, जेडीयू, सीपीआई, सीपीएम, आरजेडी, जेएमएम, आएसपी और आईयूएमएल के नेताओं ने भाग लिया। बाद में कांग्रेस सांसदों ने कांग्रेस संसदीय दल के कार्यालय में बैठक की और अपनी रणनीति पर चर्चा की।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च को शुरू हुआ था लेकिन शुरू होने के बाद से ही संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई। दरअसल विपक्ष जहां अदाणी मामले पर जेपीसी के गठन की मांग पर अड़ा रहा। वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर माफी की मांग पर अड़ा रहा। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई। इसके बाद राहुल गांधी के मानहानि मामले में संसद सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस सरकार पर और हमलावर हो गई। यही वजह है कि बजट सत्र का दूसरा चरण हंगामे की भेंट चढ़ गया।
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