नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में लगातार आम नागरिकों की हत्याओं (Civilian Killings) को लेकर आतंकी संगठन ‘द रजिस्टेंस ग्रुप’ (TRF) चर्चा में आ गया है. इस संगठन ने कश्मीरी बिजनेसमैन माखन लाल बिंदरू और अन्य दो नागरिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली है.
68 वर्षीय बिंदरू को मंगलवार को आतंकियों ने शाम सात बजे गोली मार दी थी. बिंदरू की हत्या उनकी फार्मेसी में ही हुई. उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. बिंदरू की हत्या के कुछ ही मिनट पहले बिहार के प्रवासी वीरेंद्र पासवान की भी हत्या कर दी गई. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले वीरेंद्र गोलगप्पा और भेलपुरी बेचते थे. ठीक इसी वक्त लोकल टैक्सी स्टैंड के अध्यक्ष मोहम्मद सफी लोन की भी हत्या कर दी गई. लोन की हत्या बांदीपोरा जिले में हुई.
इसके बाद बृहस्पतिवार को आतंकियों ने दो शिक्षकों की हत्या कर दी है. दोनों सिख और हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते थे. बीते सप्ताह के दौरान कश्मीर में 7 आम नागरिकों की हत्या की जा चुकी है. इनमें से तीन हिंदू-सिख समुदाय से थे. इस साल अब तक 25 आम नागरिकों की हत्या की जा चुकी है जिनमें राजनीतिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं.
आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का फ्रंट
आतंकी संगठन TRF को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का फ्रंट माना जाता है. सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों में टीआरएफ के ओवरग्राउंड वर्कर्स पूरी तरह मुख्य काडर में तब्दील हो चुके हैं और लोगों की निशाना बनाकर हत्या कर रहे हैं.
हिंसा की घटनाओं के पैटर्न में आया बदलाव
सूत्रों का कहना है- ‘हम हिंसा की घटनाओं के पैटर्न में बदलाव देख सकते हैं. वो स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि गैरमुस्लिम समुदायों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इन आतंकी संगठनों को नए डोमिसाइल एक्ट और नई चुनावी प्रक्रिया से दिक्कत है. ये सॉफ्ट टारगेट पर हमला करते हैं.’
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