उज्जैन। शहर में मलेरिया का प्रकोप अभी नहीं है लेकिन उसके बावजूद मलेरिया विभाग पिछले कई दिनों से घरों की जाँच करवा कर सर्वे करवा रहा है। हालांकि सर्वे में एक भी जगह लार्वा नहीं मिला है लेकिन सावधानी के बतौर मलेरिया विभाग कार्रवाई कर रहा है। गर्मी और बारिश के दिनों में मलेरिया के रोगी बढऩे लगते हैं। मगर जब से कोरोना आया है तब से उसी का हल्ला हो जाता है और उससे जुड़े वायरल लोग अधिक पीडि़त हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बीते तीन से चार महीनों में लार्वा विरोधी अभियान चलाया गया जिसमें उज्जैन शहर के 10 हजार से अधिक घरों का सर्वे किया गया। इनमें एक भी घर में लार्वा की उपस्थिति नहीं पाई गई।
मलेरिया अधिकारी श्री जाटवा ने बताया जिन घरों का सर्वे कराया गया उनके आसपास दवाइयों का छिड़काव किया गया। पिछले दिनों मलेरिया दिवस भी मनाया गया। अच्छी बात है कि फिलहाल शहर में मलेरिया का लार्वा अभी नहीं मिला है लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी मलेरिया का लार्वा और अधिक पनप सकता है, इसलिए मलेरिया विभाग को गर्मी और बरसात के सीजन में लगातार सर्वे जारी रखना होगा। फिलहाल उज्जैन में गर्मी इतनी जोरदार नहीं हो रही है। कभी बादल हो रहे हैं और कभी-कभी मावठे की बारिश भी हो रही है। इसी के चलते अभी मलेरिया का डर कम है लेकिन मई माह से गर्मी जोर पकड़ेगी और जुलाई माह तक बारिश हो जाएगी, तब तक मलेरिया के लार्वा पर मलेरिया विभाग को निगरानी रखनी होगी, तभी मलेरिया पर काबू पाया जा सकता है। नहीं तो सीजन में मलेरिया और टाइफाइड के रोगी बड़ी संख्या में शहर में मिलते हैं और खासतौर से गंदी बस्तियाँ और झुग्गी बस्तियों में यह रोगी अधिक पाए जाते हैं।
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