नई दिल्ली। वैरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) देश में तेजी से फैल रहा है इस महामारी के खिलाफ जंग में एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। सिरिंज (syringes) बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान सिरिंजेज एंड मेडिकल डेवाइसेज (HMD) ने अपने प्लांट बंद कर दिए हैं। कंपनी ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Haryana Pollution Control Board) के निर्देश पर ऐसा किया है। इससे देश में सिरिंज और सुई (needles) की भारी कमी हो सकती है। देश में कोरोना से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
देश में सिरिंज की कुल मांग का दो-तिहाई हिस्सा HMD बनाती है। ऐसे में कंपनी के प्लांट्स बंद होने से देश में सिरिंज की भारी कमी हो सकती है। दिल्ली (Delhi) से सटे फरीदाबाद में कंपनी का 11 एकड़ का कॉम्प्लेक्स है जिसमें 4 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। इनमें से कंपनी ने 3 यूनिट बंद कर दी हैं। इनमें कंपनी का मुख्य प्लांट भी शामिल है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव नाथ ने ईटी से कहा कि शुक्रवार को दोपहर बाद हमने अपने कॉम्पलेक्स में प्रॉडक्शन बंद करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि कंपनी के पास दो दिन से ज्यादा का बफर स्टॉक नहीं है। हम रोज 1.2 करोड़ सिरिंज का प्रॉडक्शन करते हैं लेकिन सोमवार से यह उपलब्ध नहीं होगा। अभी एक प्लांट में 40 लाख सिरिंज का प्रॉडक्शन हो रहा है लेकिन सोमवार को उसे भी बंद करने की योजना है। देश और दुनिया में पहले ही सिरिंज की शॉर्ट सप्लाई है। अब यह संकट और गहरा गया है क्योंकि हमें वॉलंटरी बेसिस पर अपनी यूनिट्स बंद करने को कहा गया है। इससे रोज 15 करोड़ सुई और 80 लाख सिरिंज का प्रॉडक्शन प्रभावित होगा। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फरीदाबाद में 228 यूनिट्स को बंद करने का निर्देश दिया है।
नाथ ने कहा कि प्रदूषण बोर्ड को लगता है कि प्लांट्स डीजल जेनरेटर पर चलाए जा रहे हैं। हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हम ऐसा नहीं कर रहे हैं लेकिन वे नहीं माने। कंपनी को खुद ही उत्पादन बंद करने को कहा गया। साथ ही चेतावनी दी गई कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो कार्रवाई होगी और प्लांट को सील कर दिया जाएगा। HMD ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को भी पत्र लिखा है। इसमें उनसे अनुरोध किया गया है कि सिरिंज को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (National Disaster Management Act) के तहत क्रिटिकल मेडिकल डेवाइस घोषित किया जाए। कंपनी ने साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि उसे हॉस्पिटल्स और हेल्थकेयर सर्विस प्रोवाइडर्स की तरह विशेष छूट दी जाए।
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