नई दिल्ली। बात हीरे (diamonds) की हो तो उसकी कीमत की चर्चा जरूर होती है। यहां तक हीरे को लेकर लोगों में अलग ही क्रेज होता है। यही वजह है कि डायमंड ज्वेलरी (diamond jewelery) की डिमांड दिनों दिन बढ़ रही है।
आपको बता दें कि जेनेवा (Geneva) में दुनिया का सबसे बड़ा हीरा 220.49 करोड़ रुपये (3.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर) में वर्ष 2017 में नीलाम हुआ था। नीलामी करने वाली कंपनी क्रिस्टी (Christie) ने कहा था कि इस तरह के रत्न की इतनी बड़ी नीलामी का यह एक विश्व कीर्तिमान है, लेकिन जेनेवा में ही एक बार फिर अब तक के सबसे बड़े हीरे की नीलामी होने वाली है जिसकी तैयारियां कर ली गई है। अगले हफ्ते ‘द रॉक’ की नीलामी होने वाली है। इसमें 200 कैरेट के ज्यादा के दो हीरों को नीलामी के लिए रखा जाएगा।
मीडिया खबरों के अनुसार गोल्फ बॉल के साइज वाला ‘द रॉक’ हीरा 228.31 कैरेट का है। उम्मीद है कि ये 30 मिलियन डॉलर में बिकेगा। अगर भारतीय रुपए के हिसाब से देखा जाए तो ये करीब 2 अरब 30 करोड़ रुपए में बिक सकता है। क्रिस्टी ज्वेलरी डिपार्टमेंट के हेड मैक्स फौसेट ने रॉयटर्स को बताया कि ये हीरा नाशपती के आकार का है और नीलामी में बिकने वाला सबसे दुर्लभ रत्नों में से एक है।
‘द रॉक’ हीरे को दक्षिण अफ्रीका की खान से 20 साल पहले निकाला गया था। इससे पहले ये हीरा जिसके पास था, उसकी नेकलेस में जड़ा था। इससे पहले साल 2017 में 163.41 कैरेट के सफेद हीरे की नीलामी हुई थी। हीरे के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. इसकी वजह हीरे के सबसे बड़े उत्पादक रूस में बैन लगना है. कोरोना में प्रतिबंधों की वजह से भी हीरे की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
‘द रॉक’ के अलावा एक और हीरा नीलामी में रखा जाएगा। 205.7 कैरेट के इस हीरे को ‘द रेड क्रॉस डायमंड’ नाम दिया गया है. ये पीले रंग का है। इसकी नीलामी से मिलने वाले पैसों का कुछ हिस्सा रेड क्रॉस सोसायटी को जाएगा. रेड क्रॉस अंतरराष्ट्रीय समिति के एक प्रवक्ता ने कहा कि सोसायटी को मिलने वाले पैसे को लोगों तक साफ पानी पहुंचाने के लिए खर्च किया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले दुनिया का सबसे बड़ा सफेद हीरा ‘द रॉक’ 1 अरब 69 लाख रुपये (21.9 मिलियन डॉलर) में बिका था।
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