कल्पतरु संस्था (Kalpataru Sanstha) के ही 20 सौदों की जांच प्रशासन ने की, इसी तरह अन्य संस्थाओं की जमीनें भी लगाई ठिकाने, खुद के नाम पर भी कबाड़ी
इंदौर। कुख्यात भूमाफिया (Land Mafia) दीपक जैन ( Deepak Jain) उर्फ मद्दे को क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने गिरफ्तार कर जेल भिजवाया है, जिसके चलते वह नए सिरे से जमानत हासिल करने की जुगाड़ में भी लग गया है। कल्पतरु गृह निर्माण संस्था (Kalpataru Griha Nirman Sanstha) की जमीनों की जहां मद्दे ने हेराफेरी की, वहीं लगभग 5 करोड़ रुपए की राशि अपने खातों में भी जमा करवा ली। कल्पतरु संस्था की जमीनों की जांच कुछ समय पूर्व प्रशासन ने की थी, जिसमें पुलिस अफसर सहित अन्य रसूखदारों को बेची गई जमीनों का खुलासा तो हुआ ही, वहीं संतोषी माता गृह निर्माण की 23 एकड़ जमीन कल्पतरु में शामिल कर ली गई। इसी तरह अन्य संस्थाओं की करोड़ों रुपए मूल्य की जमीनों को भी मद्दे ने ठिकाने लगा दिया।
इन दिनों जेल में बंद मद्दे के कई मामलों का खुलासा हो रहा है। पूर्व में भी अग्निबाण ने मद्दे से जुड़े हिना पैलेस (Hina Palace) सहित कई संस्थाओं में किए जमीनी घोटालों को उजागर किया। कल्पतरु गृह निर्माण संस्था की 9.328 हेक्टेयर यानी लगभग 23 एकड़ जमीन जहां संतोषी माता गृह निर्माण से हड़पी, वहीं इस जमीन को बाद में बड़े-बड़े टुकड़ों में विभाजित कर 20 रसूखदारों को बेच दी, जिसमें कंवल छतवाल, शेखर, संजय, सुनीता पति विष्णु, मनोज गोविंदनाथ, श्रीमती एकता बिजलानी, केजे कंस्ट्रक्शन, जो कि संघवी की है के अलावा नीरज पिता भूपतिलाल, संदीप कुकरेजा, मुकेश खत्री, गोवर्धन जोशी, अल्पना जोशी के अलावा अभिजीत पिता संजय माने को भी बेच दी। इसके अलावा अनिता डोवाल को भी कल्पतरु के जरिए जमीन बेची गई। उल्लेखनीय है कि अभिजीत माने के पिता संजय माने आईपीएस अधिकारी हैं और पिछले दिनों ही सेवानिवृत्त हुए हैं। इस जमीन को लेकर पुलिस अफसर ने प्रशासन पर भी नामांतरण करने के दबाव बनाए। मगर चूंकि प्रशासन ने मद्दे द्वारा बेची गई इस जमीन का घोटाला पकड़ लिया था, लिहाजा माने सहित अन्य जमीन खरीददारों के नामांतरण नहीं किए। मद््दे ने सिर्फ कल्पतरु की जमीन को ही ठिकाने नहीं लगाया, बल्कि अन्य संस्थाओं की जमीनों को भी इसी तरह रसूखदारों को बेचा और कई जमीन अपने तथा परिजनों से लेकर पत्नी सहित अन्य के नाम पर बनाई गई फर्मों और कम्पनियों में भी ट्रांसफर कर दी। कल्पतरु संस्था की ही कुछ जमीनें कनाडिय़ा के अलावा निपानिया, भिचोली हब्सी, खजराना में भी मौजूद रही और इन जमीनों को भी डेली कॉलेज के पूर्व चेयरमैन और उनके बेटे सहित यशवंत क्लब के पूर्व सचिव तथा अन्य पदाधिकारियों से लेकर जाने-माने बिल्डर नीतेश चुघ, संघवी सहित अन्य को बेच डाली और करोड़ों रुपए जहां हड़प लिए, तो त्रिशला सहित अन्य गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों के बदले करोड़ों की टोपी भी शहर के कई रसूखदारों को पहना दी।
फरार गाडग़े के बेटे को आज प्रशासन ने बुलाया
कल जनसुनवाई में वात्सल्य बिल्डर और डवलपर के खिलाफ फिर पीडि़त कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा के समक्ष पहुंच गए। दरअसल नागपुर का यह कालोनाइजर प्रफुल्ल गाडग़े लम्बे समय से फरार है। पिछली बार कलेक्टर ने 31 मार्च तक पीडि़तों को भूखंड उपलब्ध कराने के निर्देश गाडग़े को दिए थे, जिसका पालन नहीं किया। लिहाजा आज उसके बेटे बेटे अमित गाडग़े को अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने बुलाया है।
दादा जी को मृत घोषित किया पोती पहुंची न्याय मांगने
जनसुनवाई में जहां भूखंड पीडि़त पहुंचे, वहीं कुछ दिव्यांगों को स्पोटर््स व्हिलचेयर भी भेंट करवाई गई। वहीं जमीन हड़पने के लिए एक व्यक्ति को मृत घोषित भी कर दिया गया। बदरीनाथ नामक व्यक्ति को मृत घोषित किया और उसकी पोती नेहा कल जनसुनवाई में न्याय मांगने पहुंची।
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