इंदौर। प्रशासन ने दागी गृह निर्माण संस्थाओं के खिलाफ नए सिरे से कार्रवाई शुरू करवाई है, क्योंकि कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को जनसुनवाई में सबसे अधिक शिकायतें भूखंड पीडि़तों की ही मिल रही है। इसमें चर्चित संस्था नवभारत की सालों पहले तैयबी रियल इस्टेट के खम्बाती को बिकी 18 एकड़ जमीन भी वापस ली जा रही है, जिसके लिए कल सहकारिता विभाग ने कोर्ट में परिवाद भी दायर कर दिया। 500 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की यह बेशकीमती जमीन बिजलपुर में स्थित है। इसके साथ ही विभाग ने जागृति गृह निर्माण की साढ़े 7 एकड़ जमीन, जो सविता गृह निर्माण को अवैध रूप से बेची गई, उसकी रजिस्ट्री भी शून्य करवाने की प्रक्रिया शुरू करते हुए कोर्ट में परिवाद लगा दिया है। नवभारत में 4 हजार से अधिक सदस्य हैं, जिनमें से 2 हजार से ज्यादा तो फर्जी हैं।
अग्निबाण ने विगत वर्षों में नवभारत सहित तमाम गृह निर्माण सदस्यों का कच्चा चिट्ठा खोला है, जिसमें नवभारत की सदस्यता सूची का फर्जीवाड़ा भी उजागर किया गया, जिसमें 4 हजार से अधिक सदस्य हैं और 2 हजार से ज्यादा सदस्य ऐसे हैं, जिनके नाम मतदाता सूची से शामिल कर डाले। विधानसभा 2 के तो कई मोहल्ले इसमें शामिल हो गए। यहां तक कि चर्चित भूमाफिया चम्पू अजमेरा और उसका परिवार नवभारत का सदस्य है, तो नंदानगर, जनता क्वार्टर, एलआईजी, नेहरू नगर, अम्बेडकर नगर, सोमनाथ की जूनी चाल से लेकर मल्हारगंज, पुलिस फायर ब्रिगेड, पागनीसपागा से लेकर साकेत तक थोक में सदस्य बना डाले, जिसमें से अधिकांश को तो ये भी नहीं पता है कि वे कब इस संस्था के सदस्य बन गए। 2010 से नवभारत संस्था भंग पड़ी है और प्रशासक के रूप में सहकारिता विभाग के निरीक्षक जगदीश जलोदिया काबिज हैं।
उन्होंने बताया कि कल तैयबी रियल इस्टेट को बिकी संस्था की जमीन को वापस लेने के लिए परिवाद दायर कर दिया है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के निर्देश पर एक बार फिर भूमाफियाओं के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है। उपायुक्त सहकारिता श्री मदन गजभिये ने बताया कि नवभारत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा संस्था की ग्राम बिजलपुर की विभिन्न खसरे जिनको पंजीयन विलेख क्रमांक 1202 दिनांक 20 अक्टूबर 2008 से सर्वे क्रमांक 24 रकबा 0.575 हैक्टयर, पंजीयन विलेख क्रमांक 791 दिनांक 10 सितंबर 2009 से सर्वे क्रमांक 13/5 रकबा 0.80 एकड़, 12/2 रकबा 1.09 एकड़, 19 / 3 रकबा 1.52+1.52+1.52 कुल 4.56 एकड़ तथा 13/1 रकबा 1.55 एकड़, पंजीयन विलेख क्रमांक 1234 दिनांक 23 अक्टूबर 2008 से सर्वे क्रमांक 17 रकबा 3.32 एकड़, 18/3 रकबा 1 एकड़, 18/1 रकबा 1 एकड़, 13/1 रकबा 2 एकड़, पंजीयन विलेख क्रमांक 4867 दिनांक 09 जनवरी 2009 से सर्वे क्रमांक 12 / 2 पैकी रकबा 02 एकड़ भूमि को अवैधानिक रूप से मोहम्मद अब्दुला खम्बाती तर्फे तैय्यबी रियल स्टेट को तत्कालीन मूल्य 4 करोड़ 49 लाख 24 हजार रुपये में विक्रय कर दी गई थी। उक्त भूमि के विक्रय पत्र को अवैध व शून्य घोषित करने हेतु जिला न्यायालय में वाद प्रकरण क्रमांक 10297/2022 दिनांक 21 दिसंबर 2022 को संस्था प्रशासक श्री जगदीश जलोदिया सहकारिता निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत किया गया है। इससे संस्था को उक्त भूमि प्राप्त होने पर सदस्यों को भूखण्ड उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा सकेगी।
तीन बार हो चुका है नामांतरण निरस्त – अब कब्जा ले सकेंगे
नवभारत संस्था की जो जमीन तैयबी रियल इस्टेट को बिकी उसका नामांतरण पहले प्रशासन ने खारिज किया, उसके बाद उसकी अपील की गई और जब कमिश्नर तक अपील की गई, तो वह भी खारिज हो गई। नियम के मुताबिक 3 बार नामांतरण निरस्त होने के बाद जमीन का कब्जा लिया जा सकता है।
पूर्व कलेक्टर ने आलीशान फार्म हाउस करवाया था जमींदोज
तैयबी रियल इस्टेट के जिस खम्बाती परिवार ने नवभारत की जमीन खरीद रखी है उसका आलीशान करोड़ों रुपए के फार्म हाउस को तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने जमींदोज करवाया था। यह फार्म हाउस राऊ क्षेत्र में अवैध निर्मित किया गया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved