नई दिल्ली (New Delhi)। उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath Land Sinking) में जमीन धंसने का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) पहुंच गया है. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand) ने इस मसले पर याचिका दाखिल की है. याचिका में प्रभावित लोगों (affected people ) को सहायता देने, उनकी संपत्ति का बीमा करवाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने नरसिंह मंदिर के अलावा आदि शंकराचार्य से जुड़ी प्राचीन जगहों के नष्ट होने का भी अंदेशा जताया है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया, “मानव जीवन और उसके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी हो रहा है तो यह राज्य और केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए।”
हरीश रावत जाएंगे जोशीमठ
बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत रविवार (8 जनवरी) को जोशीमठ जाएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री यहां प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगे. एक तरफ जोशीमठ का अस्तित्व संकट में है तो दूसरी तरफ सियासत चरम पर है. खासतौर पर विरोधी दल पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं. हर राजनीतिक अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचने की कोशिश कर रहा है।
AAP का डेलिगेशन भी जाएगा
पूर्व सीएम हरीश रावत के जोशीमठ पहुंचने से पहले ही कांग्रेस के कई नेता जोशीमठ में डेरा डाल चुके हैं. सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अलग डेलिगेशन लेकर जाएंगे तो उनसे पहले आज आम आदमी पार्टी का एक डेलिगेशन भी जोशीमठ जाकर लोगों से मिलेगा।
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