इंदौर (Indore)। अभी तक पुलिस-प्रशासन के चंगुल में फंसे भूमाफिया राजनीतिक और अन्य आर्थिक रसूख के बलबूते पर बचते भी आए और जेल जाने के बाद भी भूखंड पीडि़तों को न्याय नहीं दिया। अब पहली बार ईडी के चंगुल में फंसे हैं। एक बड़े चर्चित भूमाफिया की भी जानकारी ईडी द्वारा जुटाई जा रही है, जो मद्दे के बाद निशाने पर है। अभी ईडी ने दीपक मद्दा को अपनी गिरफ्त में लेकर उससे लगातार पूछताछ की जा रही है और एक हजार करोड़ से अधिक के घोटालों का पर्दाफाश भी हुआ है।
पहले ईडी ने ट्वीट कर दीपक जैन उर्फ मद्दे को जांच के दायरे में लेने की पुष्टि की, उसके बाद एक प्रेसनोट भी जारी किया है, जिसमें ईडी ने स्पष्ट कहा कि मद्दे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है और कई गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों में की गई अफरा-तफरी और फ्रॉड की जानकारी मिली है। इंदौर में ही ये जमीनें प्राइम लोकेशन पर मौजूूद हैं और इसके साथ ही सीलिंग एक्ट की धारा 20 से भी छूट लेकर उसका दुरुपयोग किया गया। ईडी ने अभी तक की पूछताछ के बाद इन जमीनों की कीमत एक हजार करोड़ रुपए से अधिक आंकी है।
सात दिन की रिमांड पर कोर्ट ने मद्दे को ईडी के हवाले कर रखा है, जहां उससे रोजाना पूछताछ की जा रही है। मद्दे ने जिन लोगों के नाम लिए उनमें से कुछ को ईडी ने प्रत्यक्ष में बुलाकर भी आमना-सामना कराया है। इतना ही नहीं, मद्दे की पत्नी समता जैन से भी ईडी ने पूछताछ की थी और फिर अभी मद्दे ने जो जानकारियां दीं, उसके आधार पर ईडी ने उसकी पत्नी से जमीनों की रजिस्ट्रियां, अनुबंधों के दस्तावेजों की मांग की, जो उसकी पत्नी ने ईडी को सौंपे भी हैं। दरअसल मद्दे ने अपनी पत्नी व अन्य भागीदारों के नाम बनाई फर्मों, निजी कम्पनियों में भी संस्थाओं की जमीनों की रजिस्ट्रियां करवा रखी हैं, जिनमें समता कंस्ट्रक्शन, एमजे देव बिल्ड से लेकर अन्य नामों की फर्में तो हैं ही, वहीं एक दर्जन से अधिक गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें हड़पी हैं, जिनमें मजदूर पंचायत, न्याय नगर, देवी अहिल्या, कल्पतरु, पाश्र्वनाथ, आदिनाथ, सूर्या, त्रिशला, मेघना, संतोषी माता सहित अन्य संस्थाएं तो है ही, वहीं डायमंड गृह निर्माण के जमीन घोटाले से भी मद्दा जुड़ा है।
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