जागृति, श्रीराम, लक्ष्मण नगर, जय हिन्द सहित कई गृह निर्माण संस्थाओं से संबंधित सवाल दागे विधायकों ने
इंदौर। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक बार फिर पुलिस, प्रशासन, सहकारिता विभाग गृह निर्माण संस्थाओं के घोटालों की नए सिरे से जांच-पड़ताल में जुटा है। वहीं पिछले दिनों सहकारिता विभाग द्वारा जारी की गई एनओसी भी रद्द करवाई जा रही है, जिसके आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा मंजूर किए गए अभिन्यासों को निरस्त कर रहे हैं। वहीं विधानसभा में भी इंदौरी गृह निर्माण संस्थाओं के घोटाले गूंजेंगे। कांग्रेस, भाजपा के विधायकों ने शहर की चर्चित गृह निर्माण संस्थाओं से संबंधित सवाल दागे हैं, जिनमें जागृति गृह निर्माण, संवाद नगर से लेकर श्रीराम गृह निर्माण, लक्ष्मण नगर, जय हिन्द , राजस्व गृह निर्माण सहित अन्य वे संस्थाएं शामिल हैं, जिन पर माफियाओं का कब्जा है।
कलेक्टर मनीषसिंह ने भी गृह निर्माण संस्थाओं की आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई शुरू करवाई है। अभी जनसुनवाई में भी बड़ी संख्या में भूखंड पीडि़त पहुंच रहे हैं। सहकारिता विभाग ने अभी मजदूर पंचायत गृह निर्माण के पांच संचालकों को नोटिस थमाए हैं। वहीं विधानसभा में भी पूछे गए सवालों के जवाब सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। लक्ष्मण गृह निर्माण, श्रीराम गृह निर्माण, जय हिन्द गृह निर्माण, राजस्व ग्राम कर्मचारी गृह निर्माण से संबंधित सवाल विधायक प्रदीप पटेल ने पूछे हैं, जिसमें बड़े-बड़े भूखंडों को निजी कम्पनियों-व्यक्तियों को विक्रय करने, खजराना, छोटी खजरानी, निरंजनपुर, देवगुराडिय़ा में संस्थाओं की जमीनों पर बन रहे आवासीय-व्यवसायिक प्रोजेक्टों की जानकारी और विभाग द्वारा इन जमीनों पर दी गई एनओसी मांगी गई है। इसी तरह इंदौर के ही विधायक महेन्द्र हार्डिया ने जागृति गृह निर्माण और संवाद नगर गृह निर्माण संस्था के संबंध में पीडि़तों के आवेदन पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी के साथ कितने सदस्यों को भूखंड आवंटित हो गए हैं, उनकी सूची मांगी है। इसी तरह पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक सज्जनसिंह वर्मा ने भोपाल के साथ-साथ इंदौर में किस-किस गृह निर्माण संस्था के खिलाफ क्या-क्या शिकायतों पर कार्रवाई की गई, इसका ब्योरा मांगा है और कितने पीडि़तों को प्लाट मिले और सहकारिता के अधिकारियों की माफियाओं के साथ मिलीभगत की शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई यह भी पूछा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक इंदौर की एक गृह निर्माण एसजेडी के खिलाफ भी शिकायत मिली है, जिसमें संस्था ने खजराना स्थित अपनी जमीन माइल स्टोन इंटरटेनमेंट एंड डवलपर के डायरेक्टर राहुल मुछाल को बेच दी। इस संस्था के संबंध में भी पुलिस, प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है।
मारुति गृह निर्माण का भी अभिन्यास कर दिया निरस्त
अभी कलेक्टर के निर्देश पर गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा तथ्यों को छुपाकर हासिल की गई अनुमतियां निरस्त की जा रही है। इसी कड़ी में नगर तथा ग्राम निवेश ने मारुति गृह निर्माण संस्था के संशोधित अभिन्यास की अनुमति को भी स्थगित कर दिया है। खजराना की सर्वे नम्बर 109/1, 109/2, 110/2, 112 और अन्य पर मंजूर अभिन्यास में से खसरा 115, 119, 144, 145 एवं 166 पर आरक्षित 15 प्रतिशत इन्फॉर्मल सेक्टर की 36313 वर्गमीटर भूमि में से 33517 वर्गमीटर भूमि में से 30305 वर्गमीटर पर जारी आवासीय उपयोग का अभिन्यास स्थगित किया गया है। इस संबंध में उपायुक्त सहकारिता विभाग ने पिछले दिनों नगर तथा ग्राम निवेश को पत्र भी लिखा था। उल्लेखनीय है कि यहां मौके पर कालोनी का विकास कार्य तेजी से चल रहा है। एमआर-10 से लगी हुई संस्था की इस जमीन पर भी कई तरह की गड़बडिय़ां की गई है। पात्र सदस्यों की बजाय अपात्रों को भूखंड दिए गए हैं। इस संबंध में मारुति गृह निर्माण की जांच भी पुलिस, प्रशासन और सहकारिता विभाग द्वारा की जा रही है। यहां पर ऊंची दरों पर भूखंड बेचे जा रहे हैं और अनुमति स्थगित किए जाने के बावजूद विकास कार्य जारी है।
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