भोपाल। कलेक्टर गाइडलाइन में इस बार जमीनों के रेट बढ़ाने का जो प्रस्ताव पंजीयन अफसरों ने तैयार किया है उसमें नए प्रोजेक्ट के साथ दुकानों, मार्केट में अधिक दर पर हुई रजिस्ट्री को भी शामिल किया है। ऐसा करोंद और नीलबड़ क्षेत्र में ज्यादा देखने को मिला है। यहां कलेक्टर गाइडलाइन से अधिक दर पर बिकी दुकान को आधार बनाकर रेट बढ़ाना प्रस्तावित किए हैं। खास यह है कि मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण भी लोगों का मकान का सपना महंगा हो रहा है। दो रूट पर दोनों तरफ जमीन के रेट बढ़ाए जा रहे हैं।
पंजीयन विभाग के अफसरों के अनुसार ऐसे ही कुछ क्षेत्रों की कई लोकेशनों पर रजिस्ट्री भी अधिक दरों पर हुईं हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों को नवविकसित क्षेत्र मानते हुए यहां की कई लोकेशनों पर 5 से 10 फीसदी रेट बढ़ाने की तैयारी है। ऐसे ही रायसेन रोड पर भी तेजी से विकास हो रहा है। जाटखेड़ी, मिसरोद, दानिश, कोलार में भी अच्छी खरीद फरोख्त हुई है, यहां जमीनें पहले से ही काफी महंगी हैं। इस कारण यहां बढ़त कम ही तय की गई है। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट जिन वार्डों में स्थित है वहां पर ट्रैक के दोनों तरफ 50 मीटर जगह छोड़कर कई लोकेशनों पर नई दरें प्रस्तावित की जा रही हैं। इससे करीब नौ वार्डों की जमीन के रेट पर असर पड़ेगा। यहां 5 से 15 फीसदी की बढ़त प्रस्तावित की जा रही है। शहरी सीमा में ही करीब 22 के लगभग नए क्षेत्र और ग्रामीण एरिया में 8 से 10 नए क्षेत्र इस बार कलेक्टर गाइडलाइन में शामिल किए जा रहे हैं, जहां नए प्रोजेक्ट चल रहे हैं। आस-पास की चार कॉलोनियों के एक रेट जहां पर हैं वहां की लोकेशन को मर्ज कर दिया है।
इन क्षेत्रों में रेट बढ़ाने की तैयारी
पॉलीगोन ड्रॉ में सामने आ रही विसंगति
ऐप आधारित कलेक्टर गाइडलाइन के लिए सब रजिस्ट्रार की तरफ से पॉलीगोन ड्रॉ तैयार किए गए हैं। नगर निगम के वार्ड स्तर पर तैयार किए जा रहे पॉलीगोन (एक ऐसा घेरा जिसमें प्लॉट की चारों दीवारें अंकित होती हैं) में कॉलोनी काटते समय की गईं विसंगतियां सामने आईं हैं। गूगल की मदद से तैयार किए जा रहे पॉलीगोन ड्रॉ में नर्मदापुरम रोड पर ही चार कॉलोनी ऐसी सामने आईं हैं जिनमें कॉलोनी की दीवारें सरकारी नाले तक पहुंच गईं हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये पूर्व की विसंगतियां हैं जो अब पकड़ में आ रही हैं। ऐसे ही अतिक्रमणों की संख्या बढ़ती है।
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