पहली बार किसानों और जमीन मालिकों की सहमति से विकसित होगा पीथमपुर में सर्वसुविधायुक्त नया औद्योगिक क्षेत्र
इंदौर। पीथमपुर में लगभग 30 हजार एकड़ जमीन सुविधायुक्त औद्योगिक क्षेत्र के लिए विकसित की जा रही है और पहली बार लैंड पुलिंग प्रक्रिया के तहत किसानों और जमीन मालिकों की सहमति से अधिग्रहण किया जा रहा है। आज दोपहर मुख्यमंत्री इंदौर में 121 किसानों को मुआवजा राशि के चेक भी सौंपेंगे और उनका सम्मान भी करेंगे। पीथमपुर निवेश क्षेत्र विकास एवं प्रबंध योजना के तहत साढ़े 12 हजार हैक्टेयर पर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई आपसी सहमति से शुरू की गई है, जिसमें 20 प्रतिशत राशि का भुगतान नकद और शेष 80 प्रतिशत राशि विकसित भूखंड के रूप में जमीन मालिकों को सौंपी जाएगी। 200 से अधिक उद्योगों के लिए जमीन उपलब्ध होगी, जिसमें 25 हजार से अधिक को रोजगार भी दिया जाएगा।
इस प्रक्रिया में कृषकों को भूमि के कुल मुआवजे की 20 प्रतिशत राशि का भुगतान कर भूमि को, औद्योगिक, सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक एवं आवासीय उपयोग के लिए विकसित किया जाएगा व इस विकसित भूमि से मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि के विकसित भूखंड के रूप में भूमि भू-स्वामी को लौटा दी जाएगी व शेष भूमि में विश्वस्तरीय मानकों पर आधारित सर्व सुविधायुक्त औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएँगे। यह पूरी प्रक्रिया किसी भी पंजीयन शुल्क से मुक्त रहेगी। इस प्रक्रिया में पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के समीप की भूमियों को चिन्हित कर भू-स्वामियों को इस लाभकारी भूमि अधिग्रहण योजना से अवगत कराया गया व इससे जुड़ी किसी भी शंका को दूर करने व सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हेतु भू-स्वामियों के साथ गाँव में ही कैम्प लगाए गए एवं सभी स्तर के अधिकारियों द्वारा भू-स्वामियों के साथ बैठकें आयोजित कर हर शंका का निवारण किया गया। इसके साथ ही इस प्रक्रिया में भूमि मुआवजे की कलेक्टर गाइड लाइन मूल्य से दोगुना मुआवजा निर्धारित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप इस लैंड पुलिंग प्रक्रिया के प्रति सहर्ष स्वीकार्यता के साथ क्रियान्वयन में गति आई। इस अनूठी सर्व हितकारी प्रक्रिया के प्रथम चरण में 6 गाँवों (सलेमपुर, रणमल बिल्लोद, काली बिल्लोद, किशनपुरा, बजरंगपुरा, भाटखेड़ी आदी) के 121 कृषकों एवं भू-स्वामियों से सहमति प्राप्त कर लगभग 320 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस औद्योगिक क्षेत्र के विकास से लगभग 200 से अधिक नए उद्योग स्थापित होंगे जिनसे लगभग 25 हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा। भूमि अधिग्रहण की इस सरल प्रक्रिया एवं भू स्वामियों कि विकास में सहभागिता के कारण अधिक से अधिक भू-स्वामी इस योजना की ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा आपसी सहमति से औद्योगिकरण के लिए भूमि देने के प्रस्ताव निरंतर एमपीआईडीसी को प्राप्त हो रहे हैं । यह औद्योगिक क्षेत्र सडक़, जल एवं हवाई मार्ग से भली – भांति जुड़ा हुआ है । यहां से महज 25 किलो मीटर की दूरी पर इंदौर रेलवे जंक्शन, 20 किलो मीटर की दूरी पर इंदौर का देवी अहिल्या बाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और 550 किलोमीटर की दूरी पर मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हार्बर स्थापित है। साथ ही यह क्षेत्र मुंबई-आगरा नेशनल हाइवे से जुड़ा हुआ है, जो इसे देश के सभी बड़े शहरों से जोड़ता है। इन सभी विशेषताओं के साथ यह क्षेत्र प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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