इंदौर। चुनावी (electoral) व्यस्तता के चलते रेसीडेंसी (residency) एरिया में शामिल जमीनों (Land) के सर्वे (survey) का काम प्रभावित हुआ। नतीजतन आज दोपहर अपर कलेक्टर (Additional Collector) ने समीक्षा बैठक बुलाई है। हालांकि अधिकांश जमीन मालिकों ने अधिसूचना जारी होने और नोटिसों के बावजूद अपने दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। मात्र 40 फीसदी के ही दस्तावेज मिले हैं। हालांकि प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं हुए तो राजस्व रिकॉर्ड में जमीनों को सरकारी दर्ज कर दिया जाएगा।
कलेक्टर आशीष सिंह का भी कहना है कि रेसीडेंसी एरिया का सर्वे पूरा हो चुका है और जो जमीन मालिक अपने स्वामित्व के दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ रहेंगे उनकी जमीनें सरकारी घोषित कर दी जाएगी। दूसरी तरफ अपर कलेक्टर सपना लोवंशी ने आज दोपहर इसकी समीक्षा बैठक भी बुलाई है। श्रीमती लोवंशी का कहना है कि जिन लोगों ने अपने दस्तावेज नहीं दिए हैं उन्हें अंतिम मोहलत देने के बाद प्रशासन अपनी कार्रवाई शुरू कर देगा। उल्लेखनीय है कि रेसीडेंसी एरिया की 1030 एकड़ अनसर्वर्ड जमीनें हैं जिसके लिए पिछले कई वर्षों से भू-सर्वे की प्रक्रियाचल रही है। पहले चरण में ड्रोन के जरिए यह सर्वे करवाया और उसके आधार पर राजस्व अमले ने प्रारुप नक्शों का निर्माण भी किया और उसके पश्चात फिर जमीन मालिकों से दस्तावेज जमा कराने को कहा गया। दरअसल रेसीडेंसी एरिया की जमीनें अरबों रुपए की हो चुकी है, जिसमें बड़े पैमाने पर जमीनी घोटाले भी विगत वर्षों में हुए हैं। वर्तमान में तहसील जूनी इंदौर के रेसीडेंसी एरिया के पटवारी हलका नम्बर 3, कस्बा इंदौर के तहत खाता है, जिसका भोगोलिक रकबा 1030 एकड़ का है। पिछले दिनों भू-सर्वेक्षण की अधिसूचना का प्रकाशन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त कार्यालय ग्वालियर द्वारा 12 मई 2023 को कराया गया था। उसके पश्चात जिला सर्वेक्षण अधिकारी की ओर से भी अधिसूचना जारी कर दी गई। रेसीडेंसी एरिया की जमीनों में रेसीडेंसी, रेडियो कॉलोनी, कृषि कॉलेज, चिडिय़ाघर के आसपास की जमीनों से लेकर गीता भवन चौराहा से रतलाम कोठी, ढक्कनवालाकुआं तक की जमीनें इसमें शामिल है। अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कम्पनी के पास भी यह एरिया सालों तक रहा और उसे रेसीडेंसी एरिया अथॉरिटी के रूप में विकसित किया गया। 100 सालों में पहली बार अब विस्तृत सर्वे हुआ है।
पुरानी नोटरी के आधार पर प्रशासन दिलवा रहा है मालिकाना हक
पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में कलेक्टर आशीष सिंह ने नोटरी वाली सम्पत्तियों की रजिस्ट्री करवाने की पहल भी शुरू की है और शीतल नगर तथा मालवीय नगर को इसमें शामिल किया गया है। यह कार्य वार्ड नम्बर 31 में स्थित शीतल नगर रेडिसन होटल के पास तथा वार्ड नम्बर 30 में स्थित मालवीय नगर हेतु किया जायेगा। इन स्थानों पर बेहतर परिणाम प्राप्त होने के उपरांत अन्य क्षेत्रों में भी बढाया जा सकेगा। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा आम जनता के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
अवैध भवनों के साथ कॉलोनियों पर भी कार्रवाई के निर्देश
आयुक्त शिवम वर्मा ने कल भवन अनुज्ञा शाखा की बैठक ली, जिसमें अवैध भवनों, अवैध कॉलोनियों के साथ-साथ तालाब, नदी, कुएं, बावडिय़ों और अन्य जल स्त्रोतों के आसपास के अवैध अतिक्रमणों को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए। शहर के समस्त मॉल, रेस्टोरेन्ट, होटल, सिनेमा घर, हॉस्पिटल व अन्य बडे व्यवसायिक भवनो में फायर ऑडिट के संबंध में भी समीक्षा की गई। साथ ही भवन अनुज्ञा शाखा से संबंधित सीएम हेल्प लाईन व इंदौर 311 एप के माध्यम से प्राप्त शिकायतो की झोनवार समीक्षा की।
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