इंदौर, राजेश ज्वेल। एक तरफ टीपीएस योजनाओं में भू-मालिकों को अभी तक 50 फीसदी जमीन जो कि विकसित होने पर दी जाना है, नहीं मिली। वहीं आधी-अधूरी योजना टीपीएस-5, जो कि बायपास की बेशकीमती जमीन पर घोषित की गई है, उसमें अविकसित भूखंडों को बेचने काप्रस्ताव बोर्ड में रख मंजूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कल ताबड़तोड़ बोर्ड बैठक बुलाई गई है, जिसमें सुपर कॉरिडोर पर स्टेडियम के लिए आरक्षित 20 एकड़ जमीन पर जो सिंगल टेंडर प्राप्त हुआ था उसे भी मंजूर करने का खेला संभव है। जबकि नगर तथा ग्राम निवेश कुछ समय पूर्व ही प्राधिकरण द्वारा मंजूरी के लिए भेजे गए अभिन्यास को अस्वीकृत कर चुका है और फिर से सीमांकन करवाने को कहा है।
प्राधिकरण की योजना 151 और 169-बी में खेल गतिविधियों के लिए स्टेडियम का प्रावधान किया गया, जिसकी 20 एकड़ जमीन टेंडर के जरिए बेचने के प्रयास किए गए। मगर इसी बीच नगर तथा ग्राम निवेश ने पुराने और नए नक्शों में गड़बड़ी मिलने पर प्रस्तुत नक्शे को अस्वीकृत कर दिया। दूसरी तरफ प्राधिकरण ने इस अस्वीकृत अभिन्यास के आधार पर ही पिछले दिनों टेंडर आमंत्रित किए और मात्र 1 रुपए अधिक दर पर स्थानीय फर्म मध्य भारत एलएलपी ने यह सिंगल टेंडर जमा किया है। सूत्रों का कहना है कि कल बुलाई बोर्ड बैठक में अतिरिक्त विषय के रूप में इस सिंगल टेंडर के प्रस्ताव को रख मंजूर करने का खेल भी हो सकता है। इसी तरह एक खेला टीपीएस-5, कनाडिय़ा की योजना को लेकर भी चल रहा है। राजनीतिक दबाव-प्रभाव के चलते इस अविकसित योजना में भी भूखंड बेचने की मंजूरी का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया है।
जबकि जो जमीन मालिक हैं उन्हें ही अभी तक प्राधिकरण ने 50 फीसदी जमीन वापस नहीं लौटाई है और टीपीएस-5 में जो भूखंड बेचना है वे फिलहाल अविकसित हैं और रेरा से भी अनुमति प्राधिकरण ने नहीं ली। जबकि कोई निजी बिल्डर या कालोनाइजर भी बिना रेरा अनुमति के भूखंड, फ्लेट अपने किसी प्रोजेक्ट मेंनहीं बेच सकता। मजे की बात यह है कि प्राधिकरण में फिलहाल पूर्णकालिक सीईओ नहीं हैं, क्योंकि 40 दिन की ट्रेनिंग पर सीईओ गए हैं और उनकी जगह अपर कलेक्टर गौरव बेनल को प्रभारी सीईओ का चार्ज दिया गया है। वहीं अध्यक्ष के रूप में संभागायुक्त ने पिछले दिनों चार्ज लिया। कल ताबड़तोड़ बुलाई इस बोर्ड बैठक में एमआर-11, एबी रोड से बायपास तक 60 मीटर चौड़ी मास्टर प्लान रोड का गेर योजना मद में निर्माण, मास्टर प्लान 2041 के वृद्धित निवेश क्षेत्र में प्राधिकरण की टीपीएस योजनाओं के प्रस्ताव, गंगवाल बस स्टैंड से कलेक्टर कार्यालय मार्ग की चौड़ाई, टीपीएस-8 में आरक्षित भूमि पर आवासीय भूखंड के नियोजन और इंदौर रीजनल डवलपमेंट प्लान की कार्य योजना के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति के अलावा मेघदूत उपवन के पास स्थित जमीन पर एम्यूजमेंट पार्क के विकास की जन और निजी भागीदारी योजना यानी पीपीपी से जुड़ा विषय भी शामिल किया गया है। हालांकि निगाह दो विवादित विषयों पर सबकी रहेगी, जिसमें टीपीएस-5 में अविकसित भूखंड बेचने की अनुमति के प्रस्ताव के अलावा दूसरा मामला स्टेडियम की जमीन पर मिले सिंगल टेंडर का है, जो कि लगभग 200 करोड़ का है। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा आरक्षित कीमत 23800 रुपए प्रति वर्ग में सिर्फ 1 रुपए बढ़ाकर टेंडर जमा किया है। हालांकि ये जमीन एमपीसीए भी रियायती दरों पर मांग चुका है। वैसे भी जमीन की कीमत रीक्रिएशनल एक्टीविटी के चलते 40 फीसदी ही प्राधिकरण ने भी तय की है।
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