- निगम का कहना – हमने तो सिर्फ पांच खसरे भिजवाए थे, प्रशासन की सफाई – दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद ही विकास की अनुमति पर होगा निर्णय
इंदौर (Indore)। चर्चित और जेल में बंद भूमाफिया दीपक मद्दे की विवादित हीना पैलेस को लेकर अग्निबाण ने कल जो खुलासा किया उसके बाद जहां निगमायुक्त ने कॉलोनी सेल की संबंधित फाइल बुलवाकर जानकारी ली, वहीं कलेक्टर ने भी प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा कि अभी तो दावे-आपत्तियों के निराकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है और पर्याप्त जांच के बाद ही विकास अनुमति देने का निर्णय लिया जाएगा। मजे की बात यह है कि एसडीएम जूनी इंदौर की ओर से जो 37 खसरे अशरफ नगर से संबंधित श्रीराम गृह निर्माण संस्था के बताए गए उस बारे में निगम की सफाई है कि हमने तो सिर्फ 5 खसरा नंबरों की जानकारी भेजी थी, बाकी खसरे कैसे जुड़े उसकी जानकारी उसे नहीं है। जो खसरे नंबर प्रशासन की विज्ञप्ति में दिए गए उनमें कई खसरों की जमीन का मालिक खुद दीपक मद्दा है, तो दूसरी तरफ खजराना गणेश मंदिर से लेकर अन्य जमीनें भी इसमें शामिल हैं और लगभग 20 एकड़ जमीन पर दावे-आपत्तियां बुलवाई गई है।
एक तरफ ईडी ने भी मद्दे से पूछताछ के बाद 500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच कर ली है। हालांकि अभी तक ईडी ने अधिकृत रूप से अटैच की गई इन प्रॉपर्टियों की सूची जारी नहीं की है। दूसरी तरफ अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके चलते सीलिंग के साथ-साथ गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों के संबंध में भी दावे-आपत्तियां आमंत्रित की जा रही है। अभी एसडीएम जूनी इंदौर घनश्याम धनगर ने श्रीराम गृह निर्माण संस्था की अशरफ नगर के साथ सर्वानंद नगर, माँ सरस्वती गृह निर्माण की तुलसी नगर और मन भावन नगर स्थित आरआर कम्पनी से संबंधित खसरों को जारी कर 7 दिन में दावे-आपत्तियां बुलवाई हैं। अशरफ नगर के इन खसरा नंबरों में हीना पैलेस के साथ-साथ खुद मद्दे सहित भाटिया, गोयल व अन्य रसूखदारों की भी जमीनें शामिल हैं। खुद मद्दे के नाम से खसरा नं. 1043 में शामिल जमीनों के साथ-साथ 1049, 1050, 1058, 1060, 1065, 1094, 1095/1 सहित अन्य जमीनें राजस्व रिकॉर्ड में ही नजर आ रही है। दूसरी तरफ अग्निबाण ने जब इन खसरों की जांच मध्यप्रदेश शासन के कम्प्यूटरीकृत भू-अभिलेख पोर्टल पर जाकर की तो पता चला कि खसरा नंबर 1004 और 1018 तो खजराना गणेश मंदिर के नाम पर दर्ज है, जिसके प्रशासक कलेक्टर ही हैं। वहीं खसरा नं. 1040/1 अवश्य श्रीराम संस्था के नाम पर दर्ज नजर आता है। जबकि अन्य खसरों की जमीन महाकाल रियल इस्टेट, मोमेंटम जीआरपी प्रा.लि. से लेकर गुरुकृपा एसोसिएट्स, वीपीए, सिविलकॉन सहित अन्य के नाम पर है। 1017, 1019/1/1, 1020, 1022, 1024, 1030 व अन्य जमीनें रसूखदारों की है। वहीं निगम के कालोनी सेल प्रभारी राजेश उदावत का कहना है कि नगर निगम ने सिर्फ 5 खसरा नंबरों 1015, 1436 पार्ट, 1042, 1436 और 1040 पार्ट की 2.15 एकड़ जमीन की ही जानकारी भिजवाई थी। ये जमीनें श्रीराम नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था की है, जिस पर अशरफ नगर ग्राम खजराना बसा है। दूसरी तरफ प्रशासन ने कल जनसम्पर्क विभाग से इस खबर पर सफाई पेश की, जिसमें कहा गया कि खजराना गणेश मंदिर और भूमाफिया के सर्वे नंबरों को अशरफ कालोनी में लिए जाने के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद ही अधोसंरचनात्मक विकास की अनुमति दी जाएगी और जो तथ्य सामने आए हैं उनका विधिवत परीक्षण भी होगा।