पहले पुलिस से धाराएं कमजोर कराकर आजाद घूमता रहा अब…
इन्दौर। शहर के सारे भूमाफिया जेल जाकर जमानत (Bail) पर रिहा हुए , लेकिन इन सभी भूमाफियाओं को उंगलियों पर नचाने वाला भूमाफिया चिराग शाह पहले पुलिसिया मदद से धोखाधड़ी के मामले में धाराएं कमजोर कराकर जमानत हासिल करता रहा। यहां तक कि मामला हाईकोर्ट (High Court) के संज्ञान में आने के बावजूद चिराग शाह (Chirag Shah) ने कभी भी पीडि़तों को उनका अधिकार देेने के लिए प्रशासन की कोई मदद नहीं की, लेकिन अब उन्हीं पीडि़तों के निपटारे के नाम पर भूमाफिया निचली अदालत से ही जमानत ले आया।
कालिंदी गोल्ड सिटी मामले में जहां चंपू उर्फ रितेश अजमेरा और हैप्पी धवन उलझे पड़े हैं और केवल इसीलिए कई प्रकरणों का निपटारा नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उन प्रकरणों के निपटारे में चिराग शाह ने कभी रुचि नहीं दिखाई। जिन मामलों में चंपू और धवन के खिलाफ पुलिस ने कड़ी धाराओं प्रकरण दर्ज किया, उन्हीं मामलों में पुलिस ने चिराग को राहत देते हुए कमजोर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर उसे जमानतें दिलवाईं। अब एक बार फिर थाना बाणगंगा से अपराध क्रं. 7/2020 अंतर्गत दर्ज प्रकरण में चिराग ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाकर तर्क दिया कि वह पीडि़तों के मामलों का निराकरण करेगा, जबकि अन्य कई प्रकणों में जमानत पर रहने के बावजूद उसने किसी पीडि़त को उसका भूखंड नहीं दिया, लेकिन अपर सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह की कोर्ट ने उसे इसी तर्क पर जमानत दे दी। इस मामले में पुलिस ने भी कोई विरोध नहीं किया। चिराग का तर्क था कि प्रकरण में म.प्र. उच्च न्यायालय द्वारा विवाद को हल किये जाने हेतु एक कमेटी बनाई गई है और आरोपी को उक्त कमेटी की मीटिंग में भाग लेने हेतु आना-जाना होता है। इस कारण उसे अंतरिम जमानत की सुविधा प्रदान की जाए।
यह है मामला
थाना बाणगंगा पर फरियादी कमलकान्त मिश्रा, शिवकुमारी मिश्रा, ऋषि कुमार मिश्रा ने शिकायती की कि फरियादीगण ने संयुक्त रूप से तीन प्लॉट, प्रत्येक प्लॉट की कीमत 8,12,500 है, को कालिंदी गोल्ड सिटी प्रोपरायटर चम्पू उर्फ रितेश अजमेरा तथा चिराग शाह से क्रय करने का सौदा किया तथा पैसे देने के उपरांत भी उक्त व्यक्ति तीनों प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं।
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