भोपाल। प्रदेश सरकार जनवरी में इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट करने जा रही है। इसको लेकर प्रशासन और इस समिट से जुड़े विभागों ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। इसमें आने वाले निवेशकों के लिए लैंड बैंक बनाना शुरू कर दिया है, ताकि निवेशकों को मौके पर ही जमीन दिखाई जा सके। दरअसल, मप्र में उद्योगपतियों के लिए निवेश की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने ऑटो एक्सपो का आयोजन भी कियाथा। इसको अच्छा खासा रिस्पांस भी मिला। इस एक्सपो से शासन को ऑटो इंडस्ट्रीज में बूस्ट मिलने की उ्मीद रही थी। इस एक्सपो के बाद प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने नई पॉलिसी भी लांच करते हुए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअल जुड़े थे। कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी में इंदौर में होने वाली समिट की घोषणा भी कर दी थी। इस घोषणा के बाद एमपीआईडीसी समिट को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
प्रदेश में निवेश का दावा
मप्र में नए निवेश के लिए लैंड बैंक बनाने का काम किया जा रहा है। अगले साल जनवरी में होने वाली जीआईएस में बड़े पैमाने पर नया निवेश आने के दावे अभी से प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। नए संभावित निवेश को देखते हुए नए उद्योगों की स्थापना के लिए नई जमीनें भी चिन्हित की जा रही है और उसे विकसित किया जा रहा है।
तीन महीने में 854 हेक्टेयर जमीन
जानकारी के अनुसार तीन माह में मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इंदौर को 854 हेक्टेयर जमीन प्राप्त हुई है। स्थानीय प्रशासन ने यह जमीन औद्योगिक उपयोग के लिए विभाग को स्थानांतरित की गई है। अधिकारियों के अनुसार एक साल के दौरान एमपीआईडीसी ने अपने लैंड बैंक में लगभग तीन हजार हेक्टेयर जमीन की बढ़ोतरी की है। अब इन अविकसित जमीन को विकसित कर नए औद्योगिक क्षेत्र तैयार किए जा रहे हैं। बता दें कि इंदौर के आसपास रतलाम, मंदसौर, नीमच, धार और उज्जैन में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार पिछले दिनों कुछ निवेशकों को जमीन दिखाई भी गई और उन्हें जमीन पसंद आ गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि उनके द्वारा जल्द ही निवेश के लिए प्रस्ताव भी दिया जाएगा।
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