पटना । जमीन के बदले नौकरी केस में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav), तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत 10 लोगों को थोड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने समन का आदेश टाल दिया है। और अब मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी। इससे पहले कोर्ट ने इस मामले के आरोपियों को समन भेजने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी का आरोपपत्र) पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने इस मामले में 6 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। जिस पर आज सुनवाई हुई, और अदालत ने समन का आदेश टाल दिया है। ईडी सीबीआई की एफआईआर के आधार पर इस केस की जांच कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया था कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर अपने मामले दायर किए।
आपको बता दें 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ। जिसमें नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया।
आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं थी। रेल भर्ती से जुड़े एक और घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है। मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
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