पटना । केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) ने लैटेरल एंट्री के जरिए 45 उच्च पदों पर वैकेंसी निकाली है। जिसको लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है। मोदी सरकार (Modi Government) के इस फैसले को लेकर विपक्ष (Opposition) भड़का हुआ है। राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत तेजस्वी यादव ने भी इस आरक्षण विरोधी फैसला करार दिया है। और अब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) इसे नागपुरिया मॉडल बताया है। और कहा कि वंचितों के अधिकारों पर NDA के लोग डाका डाल रहे है।
सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लालू यादव ने लिखा कि बाबा साहेब के संविधान और आरक्षण की धज्जियां उड़ाते हुए नरेंद्र मोदी और उसके सहयोगी दलों की सलाह से सिविल सेवा कर्मियों की जगह अब संघ लोक सेवा आयोग ने निजी क्षेत्र से संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती का विज्ञापन निकाला है। इसमें कोई सरकारी कर्मचारी आवेदन नहीं कर सकता। इसमें संविधान प्रदत कोई आरक्षण नहीं है।
लालू ने आगे लिखा कि कारपोरेट में काम कर रहे बीजेपी की निजी सेना यानि खाकी पेंट वालों को सीधे भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों में उच्च पदों पर बैठाने का यह “नागपुरिया मॉडल” है। संघी मॉडल के तहत इस नियुक्ति प्रक्रिया में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलेगा। वंचितों के अधिकारों पर NDA के लोग डाका डाल रहे है।
बाबा साहेब के संविधान एवं आरक्षण की धज्जियां उड़ाते हुए नरेंद्र मोदी और उसके सहयोगी दलों की सलाह से सिविल सेवा कर्मियों की जगह अब संघ लोक सेवा आयोग ने निजी क्षेत्र से संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती का विज्ञापन निकाला है।
इसमें कोई सरकारी… pic.twitter.com/KnjlD9ripQ
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 18, 2024
आपको बता दें इससे पहले तेजस्वी ने भी यूपीएससी के इस विज्ञापन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था। और इसे दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यक की हकमारी बताया था। दरअसल केंद्रीय लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी ने लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर नौकरियां निकाली हैं। जिसमें 45 संयुक्त सचिव, उपसचिव और निदेशक स्तर के पद शामिल हैं। अलग-अलग मंत्रालय में सीधी भर्ती की जाएगी। ये भर्तियां अनुभव और काम के आधार पर होनी हैं। किसी तरह कोई परीक्षा नहीं देनी होगी।
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