नई दिल्ली (New Delhi) । जमीन के बदले नौकरी घोटाले में दाखिल आरोपपत्र (charge sheet filed) में सीबीआई ने कहा कि लालू प्रसाद के परिवार को अपनी जमीन बेचने वाले अपात्र उम्मीदवारों को रेलवे के निर्धारित मानदंडों व प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए नौकरियां दी गईं।
14 आरोपियों की पेशी आज
इन उम्मीदवारों ने प्रत्यक्ष रूप से या अपने निकटतम रिश्तेदारों/परिजनों के माध्यम से तत्कालीन (2004-09 में) केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को अपनी जमीन बाजार कीमत से 1/4 से 1/5 तक अत्यधिक रियायती दरों पर बेची थी। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में विशेष जज गीतांजलि गोयल ने सीबीआई के आरोपपत्र को संज्ञान में लेने के बाद हाल ही में लालू, उनकी पत्नी व बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और 14 अन्य को बुधवार के लिए समन किया है। सीबीआई ने पिछले साल अक्तूबर में यह आरोपपत्र दाखिल किया था।
चार्जशीट में इनके नाम
सीबीआई के मुताबिक, लालू की इस साजिश में पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, भारतीय रेलवे में तत्कालीन महाप्रबंधक सौम्या राघवन, मुख्य कार्मिक अधिकारी कमल दीप मेनराई ने उनका साथ दिया। इनके अलावा पटना के महजाबाग, बिहटा के बिंदौल गांव और पटना शहर के निवासियों राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार, विकास कुमार, अभिषेक कुमार, रवींद्र रे, किरण देवी, अखिलेश्वर सिंह, रामाशीष सिंह ने भी इस साजिश में अहम भूमिका निभाई।
नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है?
2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ। कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए।
सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं।
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