जयपुर । लाल डायरी (Lal Diary) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस (Chief Minister Ashok Gehlot and Congress) की नींद उड़ा दी है (Gven Sleepless Nights) । मुख्यमंत्री ने तो इस डायरी को कपोल कल्पित करार दिया है और अब पूर्व डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिन पायलट भी वही बोल रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है और चुनाव से पहले इस तरह की अफवाह फैलाना बीजेपी की पुरानी आदत है। राजनीतिक हलकों में चर्चा इस बात की है कि सत्ता और सियासत के बीच संघर्ष कर रहे सचिन पायलट जो काम नहीं कर सके वो काम बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कर दिखाया। पायलट के खेमे से ही गुढ़ा ने सीएम गहलोत व अन्य मंत्रियों पर निशाना साधना शुरू किया था।
बहरहाल लाल डायरी के इस प्रकरण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के मंत्रियों व नेताओं की नींद उड़ा दी है। सरकार रिपीट करने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके लिए काम करने वाले कंपनी के अधिकारियों की भी नींद हराम हो गई है। इस कंपनी को अब कुछ सुझ नहीं रहा है कि लाल डायरी को इरेज करने के लिए ऐसी कौनसी स्क्रीप्ट लिखी जाए कि नुकसान की भरपाई की जा सके। यही वजह है कि अचानक से अखबारों, चैनलों में विज्ञापनों की तादाद बढ़ गई है। विज्ञापनों पर पैसा पहले पानी की तरह बहाया जा रहा था, लेकिन अब सावन के महीने में काली कमाई के झरने चल रहे हैं। लोग इसका लुत्फ ले रहे हैं। सच बात यह है कि राजस्थान में जिस तरह बारिश होती है और झरने चलते हैं, बारिश थमने के बाद वहां मिट्टी और कीचड़ ही मिलता है। मजे लेने वाले लोग वहां से नदारद हो जाते हैं।
लाल डायरी के प्रकरण के बाद राजनीतिक विश्लेषकों से बातचीत में सामने आया कि कांग्रेस को इस मामले से 20 से 30 सीटों का नुकसान होना तय है और सरकार को रिपीट करने के लिए या भाजपा को सत्ता में आने के लिए इतनी ही सीटों पर दमखम लगाना है। ऐसे में भाजपा को बैठे बिठाए एक मुद्दा हाथ लग गया है जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कर दिया है। जल्दी भाजपा सभी विधानसभा क्षेत्रों में गहलोत व उनके मंत्रियों के फोटो वाली लाल डायरी के पोस्टर जारी करवा सकती है।
उधर, बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को संरक्षण देने के लिए बीजेपी की टीम जयपुर से लेकर दिल्ली तक काम कर रही है। गुढ़ा से इस कहानी के कुछ डायलॉग और लिखवाए जा सकते हैं। चुनाव से पहले बीजेपी गुढ़ा के लिए सियासत की नई इबारत लिखने की तैयारी कर रही है। जल्दी ही राजस्थान में ईडी भी दस्तक दे सकती है और कई नेताओं के गिरेबां तक हाथ जा सकता है। बहरहाल आने वाले दिनों में राजस्थान की सियासत और भी रोमांचक हो सकती है। अभी खेल 50-50 पर चल रहा है।