डेस्क: Optional Practical Training अमेरिकी इमीग्रेशन सिस्टम का एक अहम हिस्सा है. यह F-1 वीजा पर पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों को कोर्स पूरा करने के बाद 1 से 3 साल तक वर्क एक्सपीरिएंस हासिल करने में मदद करता है. यह खासकर Science, Technology, Engineering, Mathematics क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए काफी जरूरी माना जाता है. यह प्रोग्राम H-1B वर्क वीजा के लिए एक पुल की तरह काम करता है.
स्टैंडर्ड OPT की अवधि 12 महीने का होता है. इसमें STEM OPT एक्सटेंशन की मदद से टाइम 24 महीने के लिए बढ़ जाता है. हालांकि,2025 की शुरुआत में अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तुत एक बिल ने OPT प्रोग्राम को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की है. यह प्रस्ताव अमेरिकी श्रम बाजार की सुरक्षा और अप्रवासी विरोधी रणनीतियों के तहत पेश किया गया है. यह बिल अगर पारित हो गया तो इससे लाखों विदेशी छात्रों की करियर संभावनाएं खत्म हो सकती हैं.
अगर OPT प्रोग्राम को पूरी तरह से खत्म हो जाता है तो छात्रों को कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है. इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों पर देखा जा सकता है. इसके खत्म हो जाने से कई तरह की दिक्कतें आएंगी, जो निम्नलिखित है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में 331,602 भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ रहे हैं, जिनमें से करीब 97,556 OPT प्रोग्राम का हिस्सा हैं. यह दर्शाता है कि यह कानून भारत जैसे देशों के छात्रों को सबसे अधिक प्रभावित करेगा, क्योंकि वे बड़े पैमाने पर STEM क्षेत्रों में दाखिला लेते हैं. OPT के बिना अमेरिकी वेतन नहीं मिलेगा, जिससे स्टूडेंट लोन चुकाना मुश्किल हो जाएगा. भविष्य की शिक्षा योजनाओं में अनिश्चितता देखने को मिलेगी. साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों का अमेरिका से पलायन हो जाएगा. मल्टीनेशनल कंपनियों को स्किल्ड टैलेंट की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
प्रमुख अमेरिकी संस्थानों जैसे कि कॉर्नेल, कोलंबिया, येल आदि ने अनौपचारिक रूप से अपने विदेशी छात्रों को छुट्टियों के दौरान घर नहीं जाने की सलाह दी है. कई छात्रों ने छुट्टियां रद्द कर दी है क्योंकि उन्हें अमेरिका में दोबारा एंट्री न मिल पाने का डर सता रहा है. कुछ छात्र H-1B वीजा की लॉटरी के लिए जल्दी आवेदन कर रहे हैं. कई छात्र अब कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अवसर तलाश रहे हैं.
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