भोपाल। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Union Minister of State for Agriculture Kailash Choudhary) ने देश की अर्थव्यवस्था (Economy) में विशेष रूप से महामारी की स्थिति में कृषक समुदाय की कड़ी मेहनत और योगदान की सराहना की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि के बजटीय (agriculture budget) आवंटन को बढ़ाकर एक लाख 32 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। यह 2014 के बाद से रिकॉर्ड वृद्धि है। इसमें से 65 हजार करोड़ रुपये किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ के रूप में दिए जाते हैं, जिससे लगभग 50 लाख करोड़ किसानों को लाभ हुआ है। केंद्र सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसान की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केन्द्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी इंदौर में आयोजित सोया महाकुम्भ के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, सोयाबीन अनुसंधान एवं विकास सोसायटी, सोलिडारिडाड भोपाल और सोपा इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस “सोया महाकुम्भ” का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में रविवार को उद्घाटन हुआ।
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के अलावा मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल, डेयर सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, क्षेत्रीय सांसद शंकर लालवानी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-आईआईएसआर निदेशक डॉ. नीता खांडेकर और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में पहले दिन सोयाबीन उत्पादक, वैज्ञानिक, विकास विभागों के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 2500 लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसान कल्याण की योजनाएं बनाकर उन्हें साकार रूप दिया गया है। किसान केंद्रित योजनाओं से किसानों की आय को दोगुना करने में मदद मिली है। अब खेती की लागत को कम करने में मदद मिली है। किसानों को लाभ भी ज्यादा होने लगा है। यह सब प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा किसानों के हित में निरंतर लिये जा रहे निर्णयों के फलस्वरूप संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि एमएसपी के माध्यम से खरीद की अधिकतम सीमा को हटा दिया गया है, जिससे राज्य के किसानों को लाभ हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 48 लाख किसानों को फसल बीमा योजना में पिछले दो वर्षों में 17 हजार करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
क्षेत्रीय सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि केन्द्र सरकार ने उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि नहीं होने दी। विशेष रूप से यूरिया, जो पौधों की वृद्धि के लिए एक प्रमुख तत्व है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़, छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि सोयाबीन की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता पिछले कुछ दशकों से लगभग 1 टन प्रति हेक्टेयर है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिये विस्तार कर्मियों, किसानों, इनपुट डीलरों और सहायक सेवाओं में शामिल अन्य लोगों के समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की नई किस्मों का गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन में वृद्धि से ही सोयाबीन की उत्पादकता 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
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