विदिशा। मानोरा में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु जगदीशपुरी मानोरा पहुंचकर रथ यात्रा में सम्मिलित होते हैं। आषाढ़ सुदी दूज के दिन आस्था और विश्वास का जनसैलाब उमड़ा। प्रात: 6 बजे से पूजा अर्चना के बाद जगदीश स्वामी, सुभद्रा माई, बलदेव जी महाराज के साथ रथ पर विराजमान होकर भगवान भक्तों को दर्शन देने के लिए मानोरा नगर भ्रमण पर निकले। जहां पर डेढ़ से 200000 श्रद्धालुओं ने जगन्नाथ स्वामीजी के दर्शन किए। 200 वर्षों से अधिक समय से रथ यात्रा निकलती आ रही है। दोपहर के समय झिन्ना नाले के आसपास ओलिंजा से लेकर मानोरा के बीच 1 घंटे श्रद्धालु जाम में फंसे रहे। दोपहर के समय सड़क पर पैदल चलने के लिए रास्ता नहीं था, लोग खेतों में से निकलकर जा रहे थे। रोड के दोनों तरफ ट्रैक्टर-ट्राली, चार पहिया वाहन, मोटरसाइकिल भारी तादाद में खड़े हुए थे। जिसके चलते ट्रैफिक जाम हो गया। जिससे श्रद्धालुओं को काफी असुविधा हुई। पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद यात्री बसों को निकालकर ट्राफिक हटवाया गया। केवटन नदी के पास बाईपास पर दोपहर 2.30 से 3 के बीच स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं राजस्व विभाग अधिकारियों सूझबूझ से सागर की तरफ आ रहे वाहनों को रास्ते में ही खड़ा करवा दिया, जिससे कि श्रद्धालुओं को रास्ते में एवं पैदल चलने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
विदिशा में भी दो स्थानों से निकली रथयात्रा
एक ओर जहां मानोरा में भगवान जगन्नाथ स्वामी की भव्य रथयात्रा निकाली गई तो वहीं विदिशा शहर में भी दो स्थानों से रथयात्रा प्रारंभ होकर शहर के मुख्यमार्गो से होते हुए प्रारंभिक स्थल पर संपन्न हुई। किलेअंदर स्थित द्वारिकाधीश मंदिर से रथयात्रा प्रारंभ होकर जयस्तंभ बजरिया से मुख्यमार्गों से होकर वापिस द्वारिकाधीश मंदिर पर संपन्न हुई। इसी प्रकार से नंदवाना से श्रीजी मंदिर से रथयात्रा प्रारंभ होकर शहर के मुख्यमार्गों से होकर गुजरी। दोपहर के समय रथयात्रा के दौरान विदिशा में भी बारिश हुई।
अलग-अलग स्थानों से निकली भगवान जगदीश स्वामी की रथ यात्रा, हजारों की संख्या में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु
गंज बासौदा। भजन मंडली और अखाड़ों के साथ आषाढ़ की दोज पर शुक्रवार को तीन अलग-अलग दिशाओं से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकाली गईं। इसमें हजारों लोगों ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। इस बार नगर पालिका चुनाव होने के कारण उम्मीदवार दर्शन पूजन स्वागत के लिए आतुर दिखाई दिए। यात्राओं के कारण शहर धर्ममय दिखाई दिया। सड़कों पर जयकारे गूंजते रहे। हजारों लोगों ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन रथ यात्राओं के माध्यम से किए। श्रद्धालुओं की भीड़ सड़कों के किनारे, भवनों की छतों छज्जों पर जमी रही। रथ यात्राओं के कारण मेले जैसा माहौल रहा। श्रद्धालुओं को प्रसादी और भोजन वितरण के लिए एक दर्जन से ज्यादा काउंटर मुख्य मार्ग पर लगाए गए। इस धार्मिक आयोजन के कारण सुबह से ही लोगों का शहर पहुंचना प्रारंभ हो गया था। इसके परिणाम स्वरूप दोपहर में सड़कों पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि चलना भी मुश्किल रहा। प्रशासन ने भीड़ और रथ यात्रा को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। नपा ने भी पेयजल के लिए जगह-जगह टैंकर व्यवस्था जुटाई थी।
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