नई दिल्ली । लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में चार किसानों (farmers) सहित आठ लोगों की मौत ने जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की चुनौती बढ़ा दी है, वहीं विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से ठीक पहले इस घटना ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस (Congress) ने अपने आक्रामक तेवरों के जरिए साफ कर दिया है कि वह किसानों के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।
कांग्रेस का कहना है कि किसान उसके लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है। पर पार्टी किसान आंदोलन के जरिए उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब और उत्तराखंड में सियासी फायदा तलाश रही है। रणनीतिकार मानते हैं कि लखीमपुर खीरी की घटना का असर यूपी के साथ पंजाब और उत्तराखंड चुनाव में भी दिखाई देगा। पार्टी किसानों की इस नाराजगी को वोट में तब्दील करने की कोशिश करेगी। इस प्रयास में वह कितनी सफल होगी यह चुनाव परिणाम बताएंगे, पर प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के इन तेवरों ने यूपी में पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकी है। पार्टी नेता प्रियंका के इस जुझारुपन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि देख रहे हैं।
बेलछी नरसंहार से तुलना
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिस तरह बेलछी नरसंहार के बाद इंदिरा गांधी बेलछी गई और उसके बाद सत्ता में वापसी की। ठीक उसी तरह प्रियंका के जुझारुपन का फायदा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिलेगा। हालांकि, वह मानते हैं कि यूपी में पार्टी का संगठन बेहद कमजोर है।
किसान आंदोलन उग्र होने की संभावना
किसान आंदोलन को करीब दस माह बीत चुके हैं। पहली बार ऐसी घटना हुई है कि जिसमें लोगों की जान गई और इसका आरोप सत्ताधारी भाजपा पर लग रहा है। ऐसे में भाजपा के खिलाफ किसानों की नाराजगी बढ़ सकती है और पश्चिम के साथ प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी आंदोलन तेज होगा। यूपी और उत्तराखंड के तराई इलाके में सिख समुदाय की तादाद अच्छी खासी है। वर्ष 2017 के चुनाव में यूपी के बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी व सीतापुर में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था। वहीं, उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में भी 9 विधानसभा सीट पर सिख मतदाताओं की संख्या अधिक है।
पंजाब कर रहा किसान आंदोलन का नेतृत्व
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व पंजाब कर रहा है। किसान संगठनों ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में तराई क्षेत्र के सिख मतदाता भाजपा के खिलाफ वोट कर सकते हैं। क्योंकि, यूपी के मुकाबले उत्तराखंड में कांग्रेस का संगठन मजबूत है और जीत की दहलीज तक पहुंच सकती है।
जानें किसने क्या कहा?
क्या भाजपा प्रियंका गांधी वाड्रा से डरती है? क्या भाजपा शासित राज्य में पीड़ितों के परिवारों से मिलना अपराध है? उत्तर प्रदेश में तालिबानी राज व्याप्त है। कांग्रेस पार्टी लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है और प्रियंका गांधी को पीड़ितों के परिवारों से मिलने से कोई नहीं रोक सकता। – नाना पटोले, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष
किसानों को कुचलना और उनके समर्थन में आए विपक्षी नेताओं की आवाज दबाना क्या भाजपा की नई रणनीति है? पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। भाजपा सरकार सिर्फ अपने मंत्री को बचाने की कोशिश कर रही है। – संजय राउत, शिवसेना सांसद
केंद्र सरकार को किसानों की समस्याओं की कोई चिंता नहीं है। आठ लोगों की निर्मम हत्या निंदनीय है और किसानों के प्रति भारतीय जनता पार्टी के रुख को दर्शाती है। – वी नारायणसामी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
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