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    लेडी डॉन अनुराधा चौधरी AK-47 चलाकर फैलाती थी दहशत, ऐसी थी उनकी कहानी

  • August 01, 2021

    नई दिल्‍ली । लेडी डॉन अनुराधा चौधरी (Lady Don Anuradha Choudhary) फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है। उसने राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) से बीटेक करने के अलावा एमबीए भी किए हुए है। शेयर ट्रेडिंग (share trading) के कारोबार में घाटा होने के बाद वह राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंद पाल (gangster anand pal) के संपर्क में आई और करीब 10 साल पहले उसने बकायदा गैंग शामिल होने का ऐलान कर दिया। आनंद पाल के रहते वह उसके बेहद नजदीक रही।

    लेकिन 2017 में राजस्थान पुलिस ने आनंद पाल को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इसके बाद पूरी तरह से लेडी डॉन ने गैंग की कमान संभाल ली। अकेला पड़ने के कारण उसने करीब एक साल पहले भारत के नामी गैंगस्टर काला जठेड़ी से हाथ मिला लिया। दोनों लिवइन में साथ रहने लगे। काला ने भी पुलिस से बचने के लिए सिख युवक का हूलिया बना लिया। कुछ दिनों में दोनों अपना ठिकाना बदल देते थे।

    मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीकर फतेहपुर के अलफसर गांव की रहने वाली अनुराधा शुरूआत से पढ़ाई में तेज थी। अनुराधा की मां की बचपन में ही मौत हो गई थी। पिता रामदेव सरकारी नौकरी में थे। अनुराधा ने शेयर ट्रेडिंग करने वाले दीपक मिंज से प्रेम विवाह किया था। दोनों ने लोगों के लाखों रुपये ट्रेडिंग में लगवा दिए। धंधा चौपट हुआ और लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए। इसके बाद उसकी मुलाकात राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल से हुई।


    आनंद से मिलने के बाद अनुराधा ने अपने पति को छोड़ दिया। लेडी डॉन से मिलने से पूर्व आनंदपाल एकदम देसी था। लेकिन अनुराधा ने आनंदपाल को एकदम बदल दिया। यहां तक उसको अंग्रेजी सिखा दी। आनंद पाल भी अनुराधा का कायल हो गया। गैंग के कई महत्वपूर्ण फैसले अनुराधा करने लगी। आनंदपाल को अकसर अंग्रेजी बोलते हुए देखा जाता था।

    आनंदपाल के साथ रहते-रहते अनुराधा ने एके-47 चलाना सीख लिया। वह अक्सर कारोबारियों को धमकाने के लिए एके-47 चलाती थी। आनंदपाल की मौत हुई तो अनुराधा लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आई और दिल्ली पहुंच गई। यहीं पर उसकी मुलाकात काला जठेड़ी हुई। इसके बाद जठेड़ी भी अनुराधा का कायल हो गया। दोनों साथ में रहते थे। सूत्रों का कहना है कि जठेड़ी को पुलिस से बचाने के लिए उसने ही उससे कहा था कि वह सरकार युवक का हूलिया बना ले और अपने विदेश भागने की खबर फैला दे।

    हुआ भी ऐसे ही काला ने ऐसा ही किया। पुलिस को उसकी तलाश करने में सवा साल लग गया। पुलिस के मुताबिक अनुराधा के खिलाफ राजस्थान में दर्जनभर से अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने पहले उसकी गिरफ्तारी पर पांच हजार इनाम घोषित किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया था।

    लॉरेंस विश्नोई को चारा बनाकर काला तक पहुंची स्पेशल सेल की टीम…
    काला जठेड़ी तक पहुंचने के लिए पुलिस ने बेहद सूझबूझ से काम लिया और शुक्रवार को उसे सहारनपुर सरसावा के पास एक ढाबे से गिरफ्तार कर लिया। पहली नजर में पुलिस उसे पहचान ही नहीं पाई। वारदात के समय आरोपी अनुराधा के साथ क्रेटा कार में मौजूद था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक काला तक पहुंचने के लिए टीम ने जेल बंद गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई को चारा बनाया।

    ऑपरेशन के तहत जेल में लॉरेंस के पास मोबाइल पहुंचवाया गया। इसके बाद एक माह तक सीडीआर पर नजर रखने के बाद पुलिस की टीम आखिर काला तक पहुंच ही गई। अब उससे पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है।

    दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि काला जठेड़ी तक पहुंचने के लिए पूरी योजना तैयार की गई। एक एसीपी और दो इंस्पेक्टर समेत करीब 30 टीमों का गठन किया गया। पूरे ऑपरेशन का कोडवर्ड %ऑपेरशन-डी-24% दिया गया। टीम ने करीब 10 राज्यों में 20 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर किया। आरोपी बार-बार पुलिस के पहुंचने से 24 घंटे पहले ही निकल जाता था।

    पुलिस ने काला तक पहुंचने की योजना बनाई। सागर धंनकड़ हत्याकांड में सुशील का नाम सामने आया तो उसमें काला नाम भी खूब उछला। पुलिस ने मकोका में बंद काला के करीबी लॉरेंस की जेल से रिमांड लेकर उससे पूछताछ की। लेकिन पुलिस कामयाबी नहीं ली। पुलिस ने अपने मुखबिरों के जरिये जेल में विश्नोई के पास मोबाइल फोन भिजवा दिया।

    सब कुछ प्लान के तहत हुआ। लॉरेंस ने फोन मिलते ही अपने गुर्गों से संपर्क करना शुरू कर दिया। फोन पूरी तरह पुलिस की निगरानी में था। सूत्रों का कहना है कि अपने गुर्गों के जरिये विश्नोई ने काला से संपर्क किया। इसके बाद पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई। एक टीम के शुक्रवार को सहारानपुर भेजा गया। वहां से काला को गिरफ्तार कर लिया गया। काला ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट कॉलिंग व फेसबुक कॉलिंग ही करता था। लेकिन विश्नोई की वजह से वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

    कुलदीप मान उर्फ फज्जा को भगाने की रची थी साजिश…
    पुलिस की मुठभेड़ में मारा गए बदमाश कुलदीप मान उर्फ फज्जा को भगाने की साजिश भी काला जठेड़ी ने रची थी। जीटीबी अस्पताल से बदमाश उसे भगा ले गए थे। लेकिन तीन ही दिन बाद पुलिस ने रोहिणी में मुठभेड़ के बाद फज्जा को ढेर कर दिया था। पुलिस के मुताबिक 2012 में काला को जब गिरफ्तार किया गया था तब 34 मामलों में उसकी तलाश थी।

    अब दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में 25 से अधिक मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी। फिलहाल काला की गिरफ्तारी पर छह लाख रुपये का इनाम घोषित था। भारत में काला का फिलहाल लॉरेलस विश्नोई, सूबे गुर्जर, काला राणा के साथ मिलकर गैंग चला रहा था। दाढ़ी बढ़ाने और सरदार का हूलिया बनाकर काला अनुराधा के साथ मिलकर पति-पत्नी की तरह रह रहा था।

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