उज्जैन। 17 साल में जिले में 1 लाख 29 हजार से अधिक लाड़ली लक्ष्मी पैदा हो चुकी है और इनमें से कई तो महाविद्यालय भी पहुँच चुकी है। सभी को इस योजना में करोड़ों रुपए मिल रहे हैं और अगले साल से इस योजना में पंजीबद्ध कहीं लाड़ली लक्ष्मियाँ 18 वर्ष की हो जाएगी और इनके विवाह होंगे। विवाह पर भी सरकार की तरफ से 1 लाख रुपये दिए जाएँगे। लाड़ली लक्ष्मी योजना शिवराज सरकार ने वर्ष 2006 में शुरू की थी। इस योजना में अभी तक जिले में 1 लाख 29 हजार 50 लाड़ली लक्ष्मी पंजीबद्ध हो चुकी है। इन सभी को 5 साल में 30 हजार रुपए की सहायता सरकार की ओर से दी जा रही है, इनमें से अभी कई लाड़ली लक्ष्मी कक्षा छठी और कक्षा 10वीं तथा 12वीं और महाविद्यालय में भी पहुँच चुकी है। पढऩे वाली इन लाड़ली लक्ष्मी को हर साल छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। जिले में कक्षा छठी में छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली बालिकाओं की संख्या 24411 है।
इन पर चार करोड़ 88 लाख रुपए से ज्यादा की राशि खर्च कर की जा चुकी है, वहीं कक्षा 9वीं में छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली बालिकाओं की संख्या 6496 है। इन पर ढाई करोड़ रुपए खर्च किया जा चुका है। इसी प्रकार कक्षा 11वीं एवं 12वीं में 1203 बालिका शिक्षा ले रही है। इन पर भी 72 लाख रुपए से अधिक की छात्रवृत्ति बाँटी गई है, वहीं 19 लाड़ली लक्ष्मी अब कॉलेज भी पहुँच चुकी है की छात्रवृत्ति पर सरकार ने 2 लाख-37 हजार 500 खर्च किए है। अब इनमें से कुछ लड़कियाँ अगले वर्ष वाली हो जाएगी। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी साबिर अहमद सिद्दीकी ने बताया इस योजना में विवाह होने पर लाड़ली लक्ष्मी के परिवार को 1 लाख रुपए देने की घोषणा सरकार ने कर रखी है। अब अगले साल से यह राशि भी बँटना शुरू हो जाएगी। प्रदेश की चुनिंदा लाड़ली लक्ष्मी को आज मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर बुलाया है और वहाँ कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसी प्रकार आज उज्जैन के विक्रम कीर्ति मंदिर में भी उज्जैन शहर और ग्रामीण की लाड़ली लक्ष्मी को आमंत्रित किया गया है। यहाँ भी बड़ा कार्यक्रम होगा। उल्लेखनीय है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना सरकार की महती योजना है और इस योजना को कई राज्यों ने आदर्श योजना मानकर अपने राज्यों में भी लागू किया है। अन्य प्रदेशों में भी यह योजना बहुत अच्छे तरीके से चल रही है। बेटियों के उचित पालन पोषण के लिए और शिक्षा के लिए यह योजना बनाई गई थी।
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