उज्जैन। हर साल जब भी 10वीं, 12वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम आता है सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कर्मी, सुविधाओं के अभाव की चर्चा शुरू हो जाती है। कुछ दिन चर्चा के बाद मामला अधर में लटक जाता है। एक बार फिर परीक्षा परिणाम को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। लेकिन जिम्मदार भी भलीभांति जानते हैं कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी है। खासकर अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और अर्थशास्त्र के शिक्षकों की कमी के कारण इन विषयों में प्रदेश के विद्यार्थी सबसे अधिक कमजोर हैं। वित्त विभाग के आंकड़े कहते हैं कि 2022-23 सत्र में 23127, 2023-24 सत्र में 6144, 2024-25 सत्र में 942 पदों को स्वीकृति दी गई है। यानी 2022 से 2025 तक के लिए वित्त विभाग ने कुल 30213 पदों को भरने की स्वीकृति दी है। सरकारी दस्तावेज में ये भी कहा गया है कि वर्तमान में कई विषयों में पात्रताधारी अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की वजह से सीमित संख्या में ही भर्ती की जाएगी। इसलिए 2022-23 में 15 हजार 252, 2023-24 में 13 हजार 963 और 2024-25 में 942 पदों पर भर्तियां की जाएंगी।
देश में नई शिक्षा नीति के बारे में भले ही बढ़-चढ़कर बातें हो रही हैं। लेकिन सरकारी स्कूलों में कोई खास बदलाव नजर नहीं दिख रहा है। कम से कम मध्यप्रदेश में तो कोई असर नहीं दिख रहा है। हाल ही में एमपी बोर्ड हायर सेकंडरी एग्जाम के नतीजों ने भी प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की पोल खोलकर रख दी है। हालही में मप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं के बोर्ड परीक्षा के परिणाम आए तो उसमें यह तथ्य सामने आया है कि अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व अर्थशास्त्र में सबसे अधिक कमजोर विद्यार्थी हैं। दोनों कक्षाओं में विद्यार्थियों का सबसे खराब प्रदर्शन अंग्रेजी में है। जहां 10वीं में करीब तीन लाख तो 12वीं में करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी फेल हुए हैं। वहीं 10वीं में गणित में 2.91 लाख, विज्ञान में 2.41 लाख, सामाजिक विज्ञान में 2.27 लाख फेल हुए हैं।
शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली
प्रदेश के हाईस्कूलों में प्राचार्य और उप-प्राचार्य के 1114, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 34789, मिडिल स्कूल के प्राधानाध्यापक के 250, माध्यमिक शिक्षकों के 60686, माध्यमिक शिक्षक खेल के 931 और माध्यमिक शिक्षक संगीत के 700 पद खाली हैं… यानी राजपत्र कहता है कि प्रदेश में कुल मिलाकर 98470 पद खाली पड़े हैं। अब इनमें से प्राचार्य, उप प्राचार्य और प्राधानाध्यापकों के कुछ पद समय-समय पर भरे जाते रहे हैं लेकिन चिंता की बात ये है कि बच्चों को क्लासरूम में पढ़ाने वाले उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 34789 और माध्यमिक शिक्षकों के 60686 पद खाली हैं। यानी सिर्फ इन्हीं दोनों कैटेगरी के कुल 95475 पद खाली हैं। इनमें से उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 34789 पदों में से सरकार सिर्फ 8720 पदों पर भर्ती कर रही है। इनमें भी नए पद सिर्फ 5052 हैं। और इनमें भी 45 फीसदी पद बैकलॉग के हैं। इन पदों को भरने के लिए सरकार ने 2023 में वर्ग-1 की चयन और पात्रता परीक्षा ली थी।
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