नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध के बीच अब खबर है पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी चीनी सेना के जवानों की तबीयत वहां बिगड़ने लगी है। बता दें कि दोनों देशों के जवान जहां तैनात हैं वहां अभी से मौसम सर्द होने लगा है और यहां तापमान माइनस 50 डिग्री तक चला जाता है। इस पूरे मामले से वाकिफ एक सैन्य अफसर ने बताया कि चीनी मेडिकल टीम ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कुछ सैनिकों को पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर फिंगर एरिया के पास ऊंचे मैदान में बने अस्पताल में भर्ती कराया। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि चीनी सेना के जवानों को हाई ऐल्टिट्यूड (ज्यादा ऊंचाई वाली जगह) से जुड़ी स्वास्थ्य दिक्कतों के कारण तीन दिनों के दौरान फिंगर 4 से फिंगर 6 पर मौजूद एक अस्पताल ले गए।
फिंगर एरिया, पैंगोंग झील को देखने वाली सिरिजाप रेंज के बाहर आठ चट्टानों का एक समूह है। यह जगह दोनों देशों की सेनाओं के गतिरोध की जगह में से एक है। यहां दोनों सेनाओं ने अपने फॉरवर्ड पोस्ट्स पर लगभग 1 लाख सैनिकों को तैनात किया है। चीनी सैनिकों से भारतीय सैनिक बमुश्किल कुछ सौ मीटर की दूरी पर हैं, जो फ़िंगर 4 की रिगलाइन पर स्थित हैं।
पूर्वी लद्दाख में कड़ाके की सर्दी का मौसम आ रहा है। जहां भारतीय और चीनी सैनिक हाई ऐल्टिटूड पर हैं। दोनों सेनाओं को इस चुनौती का सामना करना पड़ेगा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हाई ऐल्टिटूड वाली बीमारियों के चलते कैजुअलिटी कम रहे।
भारतीय सेना के पास पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं
एक जानकारी के अनुसार 16,000 से 17,000 फीट की ऊंचाई पर मौसम भारतीय और चीनी सैनिकों में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकती है। अभी तो कड़ाके की ठंड नहीं आई। आने वाले हफ्ते और महीनों में परिस्थितियां केवल बदतर होंगी। रिपोर्ट के अनुसार एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में काबिज भारतीय सैनिकों को हाई ऐल्टिट्यूड पर तैनात किए जाने के लिए आवश्यक एक्लाइमेटाइजेशन यानी तैयारी से गुजरना पड़ता है। साथ ही किसी भी आपात स्थिति के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
अधिकारी ने कहा ‘भारतीय सैनिक सियाचिन ग्लेशियर पर और भी अधिक ऊंचाइयों पर तैनात हैं, लेकिन हाई ऐल्टिटूड वाली युद्ध की अपनी अलग चुनौतियां हैं।’ लद्दाख में लंबी लड़ाई के लिए तैयार भारत ने फॉरवर्ड पोस्ट्स में तैनात सैनिकों को चिकित्सा सुविधा सहित लॉजिस्टिक हेल्प करने की व्यवस्था की है। संभावना है कि सर्दियों के महीनों में 50,000 से अधिक भारतीय सैनिक वहां तैनात रहेंगे।
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