कुंभ मेले को हिंदू धर्म में खास माना जाता हैं इस मेले में करोड़ों तीर्थयात्री भाग लेते हैं इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन कहा जाता है इस बार कुंभ मेले का आयोजन 14 जनवरी से हरिद्वार में हो रहा है मकर संक्रांति के दिन कुंभ स्नान का विशेष महत्व हाता हैं
मान्यताओं के मुताबिक इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष भी प्राप्त होता हैं तो आज हम आपको कुंभ मेले के पहले स्नान के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
इस बार कुंभ मेले में 6 प्रमुख स्रान हैं जिसमें पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन होगा। स्नान के अलावा मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य जैसे कार्यों का भी विशेष महत्व माना जाता हैं
कुंभ का दूसरा स्नान 11 फरवरी को मौनी अमावस्या पर, तीसरा स्नान 16 फरवरी को बसंत पंचमी पर, चौथा स्नान 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा की तिथि पर, पांचवां स्नान 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर और छठवां प्रमुख स्नान 21 अप्रैल को राम नवमी पर होगा। कुंभ मेले में स्नान के लिए कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
मान्यताओं के मुताबिक कुंभ में स्नान करने से हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती हैं 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के साथ गुरु, शनि, बुध और चंद्रमा भी रहेंगे। मकर संक्रांति के दिन इन पांच ग्रहों के योग से कुंभ का पहला स्नान और भी विशेष हो जाएगा। कुंभ में स्नान, दान और पूजा से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती हैं। कुंभ में शाही स्नान का भी विशेष महत्व होता हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved