लखनऊ। प्रयागराज (Prayagraj) में इस समय चल रहे महाकुंभ (Maha Kumbh) में सरकार (Government) ने इतने पैसे खर्च किए, जिसका अंदाजा लगाना सबके बस की बात नहीं है। कभी 20 हजार (20 thousand) रुपए में संपन्न होने वाले इस महाकुंभ का इस बार का अनुमानित खर्च करीब 7,500 करोड़ रुपए (7.5 thousand crores) है, जिसमें 40 करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़ आने की उम्मीद की जा रही है।
1882 के महाकुंभ में लगभग 8 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। उस समय कुंभ के आयोजन में सिर्फ 20288 रुपए खर्च हुए थे, जो आज के हिसाब से करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए होते हैं। इसके बाद 1894 के महाकुंभ में 10 लाख श्रद्धालु पहुंचे और खर्च बढक़र 69,427 रुपए (लगभग 10.5 करोड़ रुपए) हो गया था। इसके बाद 1906 के कुंभ में करीब 25 लाख लोग पहुंचे और खर्च 90,000 रुपए हुआ। अगले 1918 के कुंभ में 30 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया और प्रशासन ने इस आयोजन के लिए 1.4 लाख रुपए आवंटित किए थे।