सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर (Sehore) में कुंभ जैसा नजारा देखने को मिला। कुबेरेश्वर महादेव मंदिर (Kubereshwar Mahadev Temple) तक पहुंची कावड़ यात्रा (Kavad Yatra) में दस लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया गया। 11 किलोमीटर लंबी यात्रा पर हेलीकॉप्टर (helicopter) से फूल बरसाए गए। जगह-जगह स्वागत किया गया। बुधवार को अधिक मास की अंतिम अमावस्या को विठलेश सेवा समिति (विठलेश सेवा समिति) के तत्वाधान में इस वर्ष भी शहर की सीवन नदी से मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में तक करीब 11 किलोमीटर कावड़ यात्रा निकाली गई। दावा किया गया यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। करीब दस लाख से अधिक श्रद्धालु भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ पैदल चलकर यहां पर भगवान शिव का अभिषेक किया। बुधवार सुबह पंडित मिश्रा ने सीवन नदी घाट पर पहुंचकर विधि-विधान से पूजन अर्चना के बाद कावड़ भरी और उसके बाद लगातार छह घंटे पैदल चलने के बाद मंदिर परिसर में पहुंचे। यहां पर अभिषेक और आरती का आयोजन किया गया।
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि कावड़ मेला संपन्न हो गया है। इस साल की कावड़ यात्रा ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले दो दिन में 10 लाख कावड़िए इस बार पहुंचे हैं। जबकि पिछले साल ढाई लाख कावड़िए मंदिर पहुंचे थे। सबसे अधिक संख्या में डाक कावड़िओं की भीड़ उमड़ी है। सीवन नदी घाट पर मोटर बोट और अन्य संसाधनों की सुविधा रखने के निर्देश दिए थे। देशभर से श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। शहर की धर्मशालाएं, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं भीड़ ही नजर आ रही थी, भीड़ को देखते हुए स्टेट हाईवे से गुजरने वाले भारी वाहनों का मार्ग डायवर्ट किया गया। भोपाल से इंदौर जाने वाले भारी वाहनों को सीहोर-आष्टा मार्ग से न भेजकर ब्यावरा-भोपाल व अन्य मार्ग से निकाला गया। कई बार हाई पर जाम जैसी स्थिति बनी रही।
कावड़ यात्रा 11 किलोमीटर तक निकाली गई। इस दौरान 300 से अधिक स्थानों पर कावड़ यात्रा की भव्य अगवानी की गई। कावड़ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां भी की गई थीं। यात्रा में शामिल होने के लिए दो-तीन दिन पहले से ही कुबेरेश्वर धाम पर कावड़ियों का जमावड़ा भी लगने लगा था। दूर-दूर से कावड़ लेकर यात्री यहां पहुंचे। इसके बाद सभी कावड़ यात्रा में शामिल हुए। कावड़ यात्रा में डीजे, ढोल, बग्गी, घोड़े भी शामिल रहे। इस दौरान कावड़ यात्रियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई। इस दौरान नजारा देखने ही लायक था। हर कोई इस नजारों को अपने मोबाइल के कैमरों में कैद करने में जुट गया तो वहीं हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
कावड़ यात्रा के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कावड़ यात्रा का उद्देश्य जहां सीहोर नगर की जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान है तो वहीं पवित्र मास सावन में अमावस्या पर कावड़ से भगवान शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि 16 अगस्त को अद्भुत संयोग पर निकली कावड़ यात्रा भक्ति का सैलाब है। अधिक मास की अमावस्या और सावन का जो मिलन हुआ है। यह काफी दिव्य योग है। उन्होंने कहा कि सभी भक्त कम से कम एक लौटा जल अपने- अपने गांव, अपने-अपने शहर, अपने-अपने घरों में स्थित शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं।
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