लखनऊ। देश के मशहूर कवि (Famous poet) डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath.) को भारत में ऊर्जा का सबसे आशावादी स्रोत बताते हुए भविष्य में उनके प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनने की भविष्यवाणी (Prediction) की है। उन्होंने इस बात के संदर्भ में एक कहानी बतायी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर कुमार विश्वास कहते हैं, ‘आज सुबह से मैं देख रहा हूं कि मेरे वामपंथी और कांग्रेसी मित्र अटल जी की प्रशंसा कर रहे हैं। मुझे यह भी याद है कि जब वह प्रधानमंत्री थे तब उनके बारे में क्या कहा जाता था।’
कुमार विश्वास आगे कहते हैं, ‘जब अटल जी का दौर था तो उन्हें कट्टर व्यक्ति कहा जाता था। लेकिन जब आडवाणी जी आए तो अटल जी की ये लोग प्रशंसा करने लगे। इसके बाद जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो अटल-आडवाणी की प्रशंसा होने लगी।’ कुमार विश्वास योगी आदित्यनाथ के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी करते हुए कहा, ‘वह दिन दूर नहीं है जब योगी केंद्र में आएंगे तो यही लोग कहा करेंगे कि नरेंद्र मोदी अच्छे व्यक्ति थे।’
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस देश में ऊर्जा के सबसे बड़े स्रोत हैं। योगी आदित्यनाथ भरत की तरह से ही रामराज्य की अवधारणा को साकार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कुमार विश्वास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज ने डॉ. कुमार विश्वास को जीवन दिया, दिशा दी। यहां से वे वापस अपनी मातृभूमि गए और वहां से अपना केंद्र बिंदु बनाकर साहित्य जगत में छा गए। कौन ऐसा व्यक्ति होगा, जो डॉ. कुमार विश्वास को न सुनना चाहता हो। उनकी लेखनी ने उन्हें पहचान दिलाई, लेकिन उन्होंने भी विश्वविद्यालय को स्मरण किया। उन्हें मानद उपाधि प्रदान करके अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
कुमार विश्वास ने अपने संबोधन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की भी प्रशंसा की। वो बोले, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इस परिसर में आना और सम्मानित होना मेरे लिए गौरव की बात है। अपने माता-पिता का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने मुझे ऐसे संस्कार दिए कि आज मैं हिंदी भाषा के लिए अपना जीवन समर्पित कर पा रहा हूं। इसी तरह से विश्वविद्यालय की कृपा मुझ पर बरसती रहे, यही मेरी कामना है। मां भारती मुझे इतनी शक्ति दें कि मैं प्राण की अंतिम आहुति हिंदी के विकास में दे सकूं।
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