कुलग्राम । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कुलगाम जिले (Kulgam) में बुधवार को मुठभेड़ (Encounter) के दौरान दो स्थानीय आतंकवादियों (terrorists) ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण (surrender) कर दिया जो हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती हुए थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के हादीगाम इलाके में मंगलवार रात शुरू हुई थी। कश्मीर क्षेत्र की पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘मुठभेड़ के दौरान दो स्थानीय आतंकवादियों ने अपने माता-पिता और पुलिस की अपील पर आत्मसमर्पण कर दिया। उनके पास से कुछ संवेदनशील सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।’’
मुख्यधारा में उनकी वापसी के लिए आतुर था परिवार
इस बीच, श्रीनगर स्थित रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल एमरोन मुसावी ने बताया कि जब यह पता चला कि दोनों ही नए भर्ती किए गए स्थानीय लोग हैं और उनके परिवार मुख्यधारा में उनकी वापसी के लिए आतुर हैं, तब सुरक्षाबलों ने संयम दिखाया एवं वे दोनों आतंकवादियों की ओर से गोलीबारी जारी रहने के बाद भी उनसे नहीं उलझे। जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘‘सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने संयम दिखाने के साथ ही यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादी उस मकान से निकल नहीं पाएं। इस बीच, उनके परिवारों को आत्मसमर्पण की अपील करने के लिए मुठभेड़ स्थल पर लाया गया।’’
लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा बने थे नदीम अब्बास और काफिल मीर
उन्होंने कहा, ‘‘इन आतंकवादियों के माता-पिता एवं सुरक्षाबलों ने सुबह तक बार-बार उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील की। दोनों ने आखिरकार अपने हथियार डाल दिए और आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें बाद में जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले किया गया। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किया गया।’’ कर्नल मुसावी ने कहा कि इन दोनों आतंकवादियों की पहचान कैमोह के राशिपुरा के निवासी नदीम अब्बास भट और मीरपुरा के निवासी काफिल मीर के रूप में की गई है जो हाल में लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा बने थे।
उन्होंने कहा, ‘‘लश्कर और आईएसआई की शह पर इन नवयुवकों को पट्टी पढ़ायी गई तथा राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां एवं हत्याएं करने का जिम्मा दिया गया। सुरक्षाबल गुमराह युवाओं को हथियार डालने एवं आतंकवाद के रास्ते से वापसी के वास्ते प्रात्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
महबूबा ने सुरक्षाबलों और आतंकियों के अभिभावकों की तारीफ की
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों एवं इन आतंकवादियों के अभिभावकों की तारीफ की जिन्होंने उन्हें हथियार डालने एवं आत्मसमर्पण के लिए मनाया। उन्होंने कहा कि उन युवाओं को दूसरा मौका देने के लिए ऐसी कोशिश जारी रहनी चाहिए जो आतंकवाद की राह पर चल पड़े हैं। इस बीच, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि यदि हर माता-पिता आतंकवाद की राह पर चल रहे अपने बच्चों से हिंसा का मार्ग छोड़ देने की अपील करे तो कई जिंदगियां बच सकती हैं।
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