डेस्क: लोकसभा चुनाव के बीच भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं. केटीआर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए केंद्रीय चुनाव आयुक्त और सीईओ तेलंगाना के पास एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई गई है. बीआरएस नेता केटीआर पर आरोप है कि उन्होंने ‘जय श्री राम’ नारे का अपमान किया है और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया है.
दरअसल, केटीआर ने मंगलवार को मल्काजगिरि संसदीय क्षेत्र में पार्टी कैडर को संबोधित करते हुए भावनात्मक बयानबाजी के बजाय नौकरी के अवसरों और विकास की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने बेरोजगारी और आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर ध्यान दिए बगैर राजनीतिक लाभ के लिए ‘जय श्री राम’ के नारे के जरिए लोगों को भावुक करने की बीजेपी की कार्यशैली की आलोचना की. उन्होंने कहा कि बीआरएस धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, जिसके लिए लोगों का कल्याण जरूरी है.
केटीआर ने क्या कहा, जिस पर विवाद हुआ?
पार्टी कैडर और लोगों को संबोधित करते हुए केटीआर ने कहा, “जय श्री राम का नारा हमारी आजीविका सुनिश्चित नहीं करेगा. हम भी हिंदू हैं और जय श्री राम का नारा लगाते हैं, लेकिन बीजेपी की तरह हमने कभी भी भगवान राम या धर्म के नाम पर राजनीति नहीं की. एक सच्चा हिंदू केवल अपने धर्म का पालन करेगा, लेकिन धर्म के नाम पर कभी राजनीतिक लाभ नहीं मांगेगा.” उन्होंने लोगों से कहा कि उन्हें बीजेपी से पूछना चाहिए कि उनके इलाके में पार्टी ने क्या काम किया है.
बीजेपी पर लगाया धार्मिक मुद्दों को प्राथमिकता देने का आरोप
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष ने पिछले 10 वर्षों के दौरान तेलंगाना में नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों, नवोदय विद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों का आवंटन न होने पर भी बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के ऊपर धार्मिक मुद्दों को प्राथमिकता दे रही है. केटीआर ने कहा कि 10 सालों में स्काईवेज के निर्माण के लिए रक्षा भूमि आवंटित नहीं की गई, लेकिन जैसे ही चुनाव की तारीख नजदीक आई, वैसे ही इसे मंजूरी दी गई.
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