आगरा । करणी सेना (Karni Sena) सहित 40 से अधिक क्षत्रिय संगठनों के सदस्यों ने शनिवार को आगरा (Agra) के गढ़ी क्षेत्र में एकत्र होकर एक रैली (Rally) का आयोजन किया. उन्होंने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन (Rajya Sabha MP Ramji Lal Suman) से 16वीं सदी के राजपूत शासक राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर सार्वजनिक माफी की मांग की. करणी सेना ने चेतावनी दी है कि अगर रामजी लाल सुमन ने माफी नहीं मांगी, तो क्षत्रिय संगठन आगे की रणनीति तैयार करेंगे. शनिवार को आयोजित ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ को देखते हुए, सांसद सुमन के घर की सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त किया गया था. पुलिस ने उनके आवास के चारों ओर सुरक्षा घेरा बना रखा था.
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने चेतावनी दी थी कि अगर शाम 5 बजे तक सपा सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे आगरा में उनके आवास तक मार्च करेंगे. करणी सेना की रैली में शामिल होने के लिए शुक्रवार रात से ही अलग-अलग जिले और शहरों से लोग पहुंचने शुरू हो गए. इस रैली के लिए लगभग 50,000 स्क्वायर मीटर के खेत को समतल कर सभा स्थल में तब्दील किया गया था. केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल भी करणी सेना की रैली में शामिल होने आगरा पहुंचे थे.
26 मार्च को हुआ था हमला
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को लेकर दिए गए बयान के बाद से बवाल मचा हुआ है. इससे पहले करणी सेना ने 26 मार्च को रामजी लाल सुमन के आवास पर प्रदर्शन कर तोड़फोड़ की थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल थे. घटना के संबंध में 27 मार्च को आगरा के हरिपर्वत थाने में हत्या के प्रयास सहित गंभीर धाराओं में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे.
24 स्थानों पर तैनात किया गया पुलिस बल
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘सम्मेलन के दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. यदि सांसद रामजी लाल सुमन जल्द ही माफी नहीं मांगते हैं, तो सम्मिलित क्षत्रिय संगठन आगे की रणनीति तय करेंगे.’ डीसीपी (सिटी) सोनम कुमार ने बताया कि तीन स्तर की सुरक्षा योजना लागू की गई थी. शहर के 24 प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया और कई जगह बैरिकेडिंग की गई थी.
‘तलवारवालों को किया जा रहा चिन्हित’
सोनम कुमार ने करणी सेना की चेतावनी पर आजतक से बातचीत करते हुए कहा, ‘स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. करणी सेना के सदस्यों को आगरा की बाहरी सुरक्षा घेरे को पार करने तक की अनुमति नहीं दी गई, एमपी रामजी लाल सुमन के घर तक पहुंचना तो दूर की बात है.’ उन्होंने कहा, ‘जो लोग तलवारें लेकर आ रहे थे, हम उन्हें चिन्हित कर रहे हैं. आपत्तिजनक हथियार जब्त किए जा रहे हैं और उनकी तस्वीरें भी ली जा रही हैं.’
करणी सेना ने दिया ज्ञापन
पुलिस प्रशासन और विधायक की मौजूदगी में करणी सेना ने ज्ञापन दिया और सांसद रामजी लाल से माफी मांगने की बात कही. इसपर आश्वासन के बाद 5 बजे का अल्टीमेटम खत्म किया गया. पुलिस के मुताबिक, सभी से ज्ञापन लेकर उनको वापस भेजा दिया गया. स्थानीय पुलिस को मजबूती देने के लिए मेरठ, झांसी और मैनपुरी जैसे आसपास के जिलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था. अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे से जुड़ी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी.
क्या है पूरा मामला?
विवाद की शुरुआत 21 मार्च को संसद में रामजी लाल सुमन द्वारा दिए गए एक बयान से हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि राणा सांगा ने दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत बुलाया था. सुमन ने तर्क दिया कि अगर भारतीय मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो उसी तर्क से अन्य समुदायों को भी राणा सांगा जैसे ‘गद्दार’ का वंशज कहा जा सकता है. सुमन के इस बयान से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना समेत कई राजपूत संगठनों में आक्रोश फैल गया और राजपूत विरासत पर टिप्पणी को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली. सुमन ने अपने आवास पर हुए हमले के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दायर की है.
‘मेरी जान को खतरा है’
सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने अपने बयान में कहा कि हर किसी को विरोध की आजादी है, देश में विरोध करने का भी तरीका है. लेकिन करणी सेना ने जो तरीका अपनाया है, वह अराजकता का तरीका है. मेरा विचार है, यह मेरे ऊपर नहीं बल्कि PDA पर हमला हुआ है. उन्होंने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को जान-माल का खतरा था, इसलिए मैंने राज्यसभा के उपसभापति को सुरक्षा के लिए पत्र लिख कर दिया था. पुलिस प्रशासन को लगता है कि मेरी हत्या हो सकती है, इसलिए सुरक्षा रखी है.
9 मई को दिल्ली में होगी रैली
आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने वापस लौटते समय नेशनल हाइवे को जाम कर दिया और रामजी लाल सुमन से माफी मांगने की बात कहने लगे. इस दौरान स्थिति बिगड़ गई, जिससे पुलिस फोर्स और आरएएफ को उतरना पड़ा. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कार्रवाई की और सड़क पर कार्यकर्ताओं को दौड़ाया. करणी सेना ने 9 मई को महाराणा प्रताप की जयंती पर दिल्ली में एक और रैली आयोजित करने का ऐलान किया है.
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